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Disease X बीमारी क्या है और इसे अगली महामारी क्यों माना जा रहा है? जानिये लक्षण और कितनी खतरनाक

By उस्मान | Updated: January 4, 2021 14:34 IST

बताया जा रहा है कि यह वायरस कोरोना वायरस से तेजी से फैल सकता है, जानिये WHO ने क्या कहा है

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ठळक मुद्देकोरोना के बीच नई बीमारी ने दी दस्तकबुखार है इसका आम लक्षणएक्सपर्ट्स ने माना इबोला से खतरनाक

कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 85,520,240 लोग संक्रमित हो गए हैं और 1,850,941 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच एक नई बीमारी ने दस्तक दी है जिसका नाम डिजीज एक्स (Disease X) है। माना जा रहा है कि कोरोना के बाद यह अगली महामारी हो सकती है। 

वर्ष 1976 में इबोला वायरस की खोज करने में सहायता देने वाले प्रोफेसर जीन-जैक्स मुयेम्बे तामफूम ने चेतावनी दी है कि दुनिया में एक और महामारी बहुत तेजी से फैल रही है। इस महामारी को डिजीज एक्स कहा जा रहा है, जो इबोला की तरह से ही बहुत घातक है।

उन्होंने कहा है कि मानवता अज्ञात संख्या में नए वायरस का सामना कर रही है। अफ्रीका के वर्षा वनों से नए और घातक वायरस के पैदा होने का खतरा पैदा हो गया है।

डिजीज एक्स के लक्षण (symptoms of Disease X)

डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांगो के इगेंडे में एक महिला मरीज को खून आने के साथ हेमोरेजिक बुखार (hemorrhagic fever) के लक्षण देखे गए हैं। इस मरीज की इबोला जांच कराई गई लेकिन यह निगेटिव आई है।

डॉक्टरों को डर है कि यह डिजीज एक्स की पहली मरीज है। नया वायरस कोरोना की तरह ही तेजी से फैल सकता है, लेकिन इससे मरने वालों की संख्या इबोला से भी 50 से 90 फीसदी ज्यादा है।

कोरोना से ज्यादा घातक

प्रोफेसर जीन महिला ने बताया कि आज हम एक ऐसी दुनिया में हैं जहां नए वायरस बाहर आएंगे और ये वायरस मानवता के लिए खतरा बन जाएंगे। भविष्य में आने वाली महामारी कोरोना वायरस से ज्यादा घातक होगी और यह ज्यादा तबाही मचाने वाली होगी।

इबोला से अधिक घातक है डिजीज एक्स

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि वैज्ञानिकों का कहना है कि डिजीज एक्स महामारी अभी परिकल्पना है लेकिन अगर यह फैलती है तो पूरी दुनिया में इससे तबाही मच जाएगी।

प्रोफेसर जीन ने ही पहली बार रहस्यमय वायरस से पीडि़त मरीज के रक्त के नमूने लिए थे जिसे बाद में इबोला नाम दिया गया। इबोला का जब पहली बार पता चला तो यामबूकू मिशन हॉस्पिटल में 88 फीसदी मरीजों और 80 फीसदी कर्मचारियों की मौत हो गई।

इबोला क्या होता है

इबोला होने पर खून बहने लगता था और मरीज की मौत हो जाती है। प्रोफेसर जीन ने जिस रक्त नमूने को लिया था, उसे बेल्जियम और अमेरिका भेजा गया जहां वैज्ञानिकों ने पाया कि खून में वार्म के आकार का वायरस मौजूद है। अब प्रोफेसर जीन ने चेतावनी दी है कि मरीजों से इंसानों में आने वाली कई और बीमारियां आने वाली हैं।

WHO ने क्या कहा

विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, डिजीज एक्स कोविड-19 के रूप में तेजी से फैल सकता है लेकिन इबोला की 50 से 90 प्रतिशत घातक दर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक बयान के अनुसार, 'रोग एक्स' काल्पनिक है, लेकिन वैज्ञानिकों को डर है कि ऐसा होने पर दुनिया भर में विनाश हो सकता है।

प्रोफेसर ने कई और जूनोटिक रोगों की चेतावनी दी - जो जानवरों से मनुष्यों में फैलते हैं। येलो फीवर, विभिन्न प्रकार के इन्फ्लूएंजा, रेबीज, और लाइम रोग उन लोगों में से हैं जो जानवरों से मनुष्यों में फैलते हैं। 

विशेषज्ञों का कहना है कि उभरते वायरस की बढ़ती संख्या काफी हद तक जानवरों के आवास और वन्यजीव व्यापार के विनाश का परिणाम है। जैसे ही उनके प्राकृतिक आवास गायब हो जाते हैं, चूहों, चमगादड़ों और कीड़ों जैसे जानवर जीवित रहते हैं जहां बड़े जानवरों का सफाया हो जाता है।

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