बवासीर यानी पाइल्स एक बहुत ही तकलीफ देने वाली बीमारी है जो कब्ज के वजह से होती है। बवासीर होने पर मलद्वार में असहनीय दर्द, चुभन, मस्से, घाव, जलन आदि हो जाती हैं और बवासीर का सही इलाज नहीं कराने पर मलाशय कैंसर होने का खतरा अधिक हो जाता है।
बवासीर के प्रकार
आमतौर पर बवासीर दो तरह की होती है। खूनी बवासीर और बादी बवासीर। खूनी बवासीर में मल के साथ खून आता है जबकि बादी बवासीर में गुदा के मुख में छोटे-छोटे मस्से हो जाते हैं। इलाज नहीं कराने से मटर के आकार के मस्से फुल कर बड़े और कठोर होने लगते हैं।
बवासीर के लक्षण
मस्सों के बड़े होने पर गुदा में सूजन और चुभन सी महसूस होने लगती है। ऐसी स्थिति में मल विसर्जन करते समय काफी दर्द का सामना करना पड़ता है। बवासीर के मस्से की बीमारी के दौरान गुदा के अंदर और गुदा के आसपास की जगह पर सूजन होती है।
बवासीर के जोखिम कारक
गुदा बड़ी आत के नलिका का अंतिम हिस्से को कहा जाता है। आपको बता दें कि लगभग 4 सेंटीमीटर लंबा होता है, जो गुदा नलिका के निचले सिरे पर बाहर की ओर खुलता है। बवासीर के मस्से बहुत ही दुख और तकलीफ देते हैं।
मरीज का उठना- बैठना यहां तक कि चलना- फिरना भी कई बार मुश्किल हो जाता है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि बिना उपचार के ही बादी बवासीर ठीक हो जाते हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में इसके उपचार की सख्त आवश्यकता होती है।
बवासीर का घरेलू इलाज
जाहिर है यह सब कब्ज के कारण होती है और एक्सपर्ट इससे बचने के लिए बेहतर खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की सलाह देती हैं। आपको अपने खाने-पीने में ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त चीजों को शामिल करना चाहिए। जैसे- फल, सब्जियां, अनाज की जगह चोकर शामिल करनी चाहिए। इसके अलावा पानी और अन्य तरल पदार्थ भरपूर सेवन करना चाहिए।
बवासीर के लिए आयुर्वेदिक उपचार
1) हल्दी का लेपहल्दी को कड़वी तोरई के रस में लेप बनाकर मस्सों पर लगाने से सब तरह के मस्से नष्ट हो जाते हैं। इसमें अगर नीम का तेल या कोई भी कड़वा तेल मिलाकर मस्सों पर लगाया जाए तो और भी जल्दी राहत मिलती है।
2) छोटी हरड़छोटी हरड़ के 2 से 5 ग्राम चूर्ण का नियमित सेवन करते रहने तथा बवासीर पर अरंडी का तेल लगाते रहने से काफी राहत मिलता है। यह आपको भार में पंसारी की दुकान में आसानी से मिल जाएगी।
3) नीम का तेलनीम का तेल को बवासीर के मस्सों पर लगाने से एवं 4-5 बूंद प्रतिदिन पीने से भी काफी राहत मिलता है। यह आपको कहीं भी मिल सकता है।
4) छाछछाछ या पतली दही में काला नमक और जीरा का पाउडर डालकर पीने से बवासीर के मस्सों से राहत मिलता है। इससे आपको कब्ज से राहत मिलती है और पेट साफ रहता है।
5) नीम के बीजनीम के बीजों की गिरी को लेकर गुड़ के साथ एक गिरी प्रतिदिन सुबह खाली पेट 7 दिन तक चबाकर खाने से खूनी एवं बादी बवासीर नष्ट हो जाते हैं।
इस बात का रखें ध्यान
यह एक गंभीर समस्या है जिसको नजरअंदाज करना आपको भारी पड़ सकता है। कई बार समस्या गंभीर होने पर यह उपाय काम नहीं करेंगे, इसलिए बेहतर है आप इन उपायों का इस्तेमाल इलाज के साथ करें।