भारत में ओमीक्रोन स्वरूप के मामले बढ़ कर 32 हो गए हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि सभी मामलों में मुख्य रूप से हल्के लक्षण देखे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि विभिन्न स्वरूपों में से ओमीक्रोन के 0.04 प्रतिशत से भी कम मामले हैं। ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित मरीजों में मुख्य रूप से हल्के लक्षण देखे गए हैं।
आपको बता दें कि डेल्टा सहित कोरोना के अन्य स्वरूपों में मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, स्वाद और गंध की हानि जैसे लक्षण महसूस हुए। हालांकि ओमीक्रोन के मामले में फिलहाल ऐसा कुछ नजर नहीं आया। भारत और अन्य देशों में रिपोर्ट किए गए मामलों से संकेत मिलता है कि लक्षण सामान्य सर्दी की तरह हैं।
भारत के पहले ओमीक्रोन मामले में मरीज में हल्के लक्षण पाए गए थे। इसके बाद अब जो भी मरीज मिल रहे हैं, उनमें हल्के लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं। दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि भले ही ओमीक्रोन घातक न हो, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
लक्षण बताते हैं कि वैरिएंट गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा है। मरीजों में सांस लेने में तकलीफ या गंध या स्वाद के नुकसान का कोई मामला सामने नहीं आया है।
बेंगलुरू का 46 वर्षीय के डॉक्टर, जो भारत में ओमीक्रोन के पहले मामलों में से था, उसने एनडीटीवी को बताया कि उसे तेज बुखार नहीं था और केवल शरीर में दर्द, ठंड लगना और हल्का बुखार था।
डॉक्टर ने कहा कि वह तीन दिनों से घर पर था और चक्कर आने के बाद ही उसे अस्पताल ले जाया गया। हालांकि उसका ऑक्सीजन संतृप्ति 96-97 थी, लेकिन वो कोई जोखिम नहीं लेना चाहता था। डॉक्टर का मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के साथ इलाज किया गया। अब वो ठीक है और उसे एक भी लक्षण नहीं है।
ओमीक्रोन से बचने के उपाय
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने ‘इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स’ के एक विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा कि देश में मास्क का इस्तेमाल दूसरी लहर से पहले के स्तर तक कम हो गया है।
उन्होंने कहा, 'एक तरह से हम फिर से एक खतरे के क्षेत्र में प्रवेश कर गए हैं। सुरक्षा क्षमता की दृष्टि से, हम अब निम्न स्तर पर, जोखिम भरे और अस्वीकार्य स्तर पर काम कर रहे हैं। हमें यह याद रखना होगा कि टीके और मास्क दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।'
पॉल ने कहा, 'एक या दो क्षेत्रों में संक्रमण के बहुत मामले आए हैं। ऐसे करीब 70 ‘क्लस्टर’ पर नजर रखी जा रही है। मुख्य रूप से इसके लिए डेल्टा स्वरूप जिम्मेदार है। इसके बावजूद हम सतर्कता बरत रहे हैं। टीके की दोनों खुराक लेना और मास्क पहनना जरूरी है।'
पॉल ने कहा कि सरकार को अभी तक कोविड-19 के खिलाफ बच्चों को टीका देने के लिए टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) से कोई सिफारिश नहीं मिली है।