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केले के पत्ते से हो सकेगा कैंसर का इलाज, बीएचयू में हुई शोध

By उस्मान | Updated: May 23, 2018 11:30 IST

केले के पत्ते में मौजूद सेकेंड्री मेटाबोलाइट्स व सिल्वर नाइट्रेट को मिला कर बिना केमिकल के नैनो पार्टिकल तैयार किया गया है, जिसके बेहतर परिणाम आए।

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कैंसर एक खतरनाक बीमारी है जिससे आपकी मौत हो सकती है। मौजूदा समय में मेडिकल में कैंसर के कई उपचार मौजूद हैं। कैंसर के इलाज में 'नैनो पार्टिकल' का नाम भी जुड़ गया है जिसकी खोज काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आणविक एवं मानव आनुवंशिकी विभाग की शोध छात्रा खुशबू प्रिया ने की है। प्रिया ने केले के पत्ते और सिल्वर नाइट्रेट से तैयार ऐसे नैनो पार्टिकल की खोज की है, जिससे कैंसर के जिम्मेदार सेल्स को नष्ट करने में मदद मिलती है। बीएचयू में विज्ञान संस्थान विभाग की डॉक्टर गीता राय के निर्देशन में प्रिया करीब एक वर्ष से इस पर टिश्यू कल्चर लैब में शोध कर रही हैं।

कैंसर के इलाज में कैसे सहायक हैं केले के पत्ते

केले के पत्ते में मौजूद सेकेंड्री मेटाबोलाइट्स व सिल्वर नाइट्रेट को मिला कर बिना केमिकल के नैनो पार्टिकल तैयार किया गया है। कैंसर सेल लाइन व कैंसर ट्यूमर पर नैनो पार्टिकल का प्रयोग किया गया, जिसके बेहतर परिणाम आए।

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ऐसे हुआ शोध

नैनो पार्टिकल को तैयार करने के बाद तीन स्तर पर शोध किया गया है। कैंसर के सेल में नैनो पार्टिकल को छोड़ा गया। इसमें पाया गया है कि यह नैनो पार्टिकल 24 से 48 घटे में करीब 50 प्रतिशत कैंसर के सेल को नष्ट कर रहा है। इसका प्रयोग सामान्य सेल पर भी हुआ। जिसमें ये नैनो पार्टिकल सामान्य सेल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा रहा है। इसके साथ ही लैब में कैंसर के सेल को सामान्य स्थिति में भी रखा गया। इसमें देखा गया तो सेल निरंतर ही बढ़ रहे हैं। डा. गीता के अनुसार शोध में सफलता के बाद पेटेंट के लिए पिछले साल रिपोर्ट फाइल कर दी गई थी। इसका भी पेटेंट हो चुका है। अब इसे जर्नल में प्रकाशित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

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औषधि के रूप में काम आएगा नैनो पार्टिकल

यह नैनो पार्टिकल भविष्य में कैंसर की वैकल्पिक औषधि के रूप में उभरेगा। यह कैंसर सेल नष्ट करने में कारगर साबित है। इलेक्ट्रान माइक्रो स्कोपी, स्कैनिंग इलेक्ट्रो स्कोपी, ट्रांसमिशन, एक्सरे डिफरेक्शन आदि जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। कैंसर की कोशिकाओं एवं रक्त पर काम चल रहा है। जिसमें यह भी देखा जा रहा कि किन कारणों से वह कैंसर के सेल को मार रहा और अन्य को क्यों नहीं।

(फोटो- पिक्साबे) 

टॅग्स :कैंसरबनारस हिंदू विश्वविद्यालयहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंट
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