हर साल 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (National Epilepsy Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मिर्गी के बारे में जागरूकता पैदा करना है। मिर्गी एक पुरानी बीमारी है जिसमें पीड़ित को दौरा पड़ता है। किसी को भी मिर्गी हो सकती है लेकिन बच्चों में आम है।
राष्ट्रीय मिर्गी दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस रोग के बारे में शिक्षित करने और इसके लक्षणों और उपचार के बारे में अधिक समझने में मदद करने के अवसर के रूप में कार्य करता है। चलिए जानते हैं कि मिर्गी क्या होती है और इसका क्या इलाज है।
मिर्गी एक पुरानी बीमारी है जिसमें पीड़ित को दौरा पड़ता है। किसी को भी मिर्गी हो सकती है, लेकिन यह छोटे बच्चों और बड़े वयस्कों में अधिक आम है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में थोड़ा अधिक होता है। मिर्गी के लिए कोई इलाज नहीं है। लेकिन कुछ दवाओं और उपायों के जरिये इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
मिर्गी क्या है
यह दिमाग में अचानक इलेक्ट्रिसिटी एक्टिविटीज में गड़बड़ होने का परिणाम है। इसमें हल्के और गंभीर दो तरह के दौरे आते हैं। हल्के दौरे को पहचानना मुश्किल हो सकता है। यह कुछ सेकंड तक रह सकता है। गंभीर दौरे में ऐंठन और मांसपेशियों में गड़बड़ हो सकती है। यह कुछ सेकंड से लेकर कई मिनट तक रह सकता है। इसमें पीड़ित भ्रमित होने के साथ चेतना खो देता है।
मिर्गी दौरे का कारण
हेल्थ लाइन के अनुसार, मिर्गी एक काफी सामान्य न्यूरोलॉजिकल विकार है जो दुनिया भर के 65 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है। ऐसे कई कारण हैं जिनसे आपको दौरे पड़ सकते हैं। इसमे शामिल है: तेज बुखार, सिर में चोट, ब्लड शुगर बहुत कम होना आदि शामिल हैं। मस्तिष्क की चोट, स्ट्रोक, अन्य संवहनी रोग, मस्तिष्क को ऑक्सीजन की कमी, ब्रेन ट्यूमर या सिस्ट, अल्जाइमर रोग, जन्म के समय मातृ दवा का उपयोग, जन्म के पूर्व की चोट, मस्तिष्क की विकृति या ऑक्सीजन की कमी, एड्स और मैनिंजाइटिस जैसे संक्रामक रोगआनुवंशिक या तंत्रिका संबंधी रोग भी इसके कारण हैं।
मिर्गी के लक्षण क्या हैं
दौरा पड़ना मिर्गी का मुख्य लक्षण है। लक्षण व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अन्य लक्षणों में चेतना का नुकसान होना, स्वाद, गंध, देखने की क्षमता कम होना, सिर चकराना, झुनझुनी और अंगों की मरोड़, एकटक निगाह रखना आदि शामिल हैं।
मिर्गी के लिए प्राथमिक उपचार
- इस उपचार में आपको सबसे पहले आप मरीज के पास से ठोस चीजें हटा दें। - इसके बाद उसके सिर के नीचे कोई नरम चीज रखें। - दांतों के बीच या मरीज के मुंह में कुछ न रखें। मरीज को कोई तरल पदार्थ न पिलायें। - यदि मरीज की सांस बंद हो, तो देखें की उसकी श्वास नली खुली है और उसे कृत्रिम सांस दें। - शांत रहें और मदद आने तक मरीज को सुविधाजनक स्थिति में रखें। - कंपकंपी के अधिकांश मामलों के बाद मरीज बेहोश हो जाता है या थोड़ी देर बाद फिर से कंपकपी शुरू हो जाती है। - आपातकाल पर फोन करें और चिकित्सीय मदद मांगे।
मिर्गी दौरे का घरेलू इलाज
अंगूर का रसजिन्हें मिर्गी के दौरे अक्सर आते रहते है उन्हें अंगूर का सेवन करना चाहिए और यह बहुत फायदेमंद होता है। ऐसे लोगों को रोजाना नाश्ते में अंगूर खाने चाहिए। अंगूर में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो दिमाग को शांत रखने में सहायक हैं।
मिर्गी दौरे की आयुर्वेदिक दवा
बकरी का दूधऐसा माना जाता है कि मिर्गी के दौरे में बकरी का दूध बहुत फायदेमंद होता है। लगभग 50 ग्राम मेहंदी के पत्तों का पेस्ट बनाकर इसमें बकरी के दूध में मिलाएं और इसका सेवन करे। इस मिश्रण से आराम मिल सकता है।
तुलसीतुसली मिर्गी के रोगों में रामबाण इलाज है और इसके पत्तो के इस्तेमाल से मिर्गी की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो सकती है। रोजाना कम से कम दस तुलसी के पत्तों को अच्छे से धोएं और इन्हें चबा चबाकर खाएं जिससे आपको मिर्गी के दौरे आने बंद हो सकते हैं।
मिर्गी दौरे का उपचार
कद्दूकद्दू के रस का रोजाना सेवन आपके मिर्गी के दौरों को ठीक कर सकता है। इसके अलावा आपको अधिक मात्रा में कद्दू की सब्जी का सेवन भी करना चाहिए जो फायदेमंद होता है।
प्याज का रसपुराने समय में मिर्गी की समस्या होने पर सबसे अधिक इस्तेमाल किये जाने वाले नुस्खे में प्याज भी है। जिन्हें लगातार मिर्गी आती है उसे रोजाना दो चम्मच प्याज का रस दे। इसके बाद दो चम्मच जीरे को पीसकर उसका पाउडर दे। इन दोनों चीजो के लगातार सेवन से आपको मिर्गी की समस्या में आराम मिल सकता है।