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बच्चों में दिखे कोरोना के नए लक्षण, जानिये बच्चों में कोविड-19 के सभी लक्षण, बच्चे को कोरोना होने पर क्या करें

By उस्मान | Updated: December 12, 2020 16:00 IST

बच्चों को कोरोना वायरस होने पर माता-पिता को क्या करना चाहिए

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ठळक मुद्देकोरोना ने अब बच्चों को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है बच्चों में लक्षणों का ध्यान रखना बहुत जरूरीलक्षण गंभीर होने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूरी है

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच इस महामारी का बच्चों में एक नया लक्षण देखने को मिला है। एक रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) नामक एक गंभीर स्थिति की पहचान की गई है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस से पीड़ित बच्चों में ऐसे लक्षण नजर आ सकते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि कई अध्ययन मान चुके हैं कि कोरोना का बच्चों पर ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिला है। लेकिन अब कोविड-19 के लक्षणों के एक नए समूह ने बच्चों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। शोध के अनुसार, कोरोना वायरस बच्चों में मल्टीसिस्ट इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम नामक एक गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है।

जबकि कोरोना से पीड़ित ज्यादातर बच्चों में केवल हल्के लक्षणों का अनुभव होता है। जो बच्चे MIS-C की स्थिति विकसित करते हैं, उनमें हृदय, फेफड़े, रक्त वाहिकाओं, गुर्दे, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, त्वचा और आंखों सहित शरीर के विभिन्न अंगों में गंभीर सूजन देखने को मिल रही है।

कोरोना से पीड़ित वो बच्चे जिनमें मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम विकार पाया गया है, उनमें गर्दन में सूजन ग्रंथियां, सूखे, फटे होंठ, रैशेष लाल उंगलियां या पैर की उंगलियां लाल होना और आंखों का प्रभावित होना जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं।

छोटे बच्चों में कोरोना की कैसे पहचान की जाए?

बच्चे अक्सर आम सर्दी या फ्लू के लक्षणों से पीड़ित रहते हैं। यह कैसे मालूम किया जाए कि उनके लक्षण सर्दी-फ्लू के हैं या कोरोना वायरस के। 

एनएचएस डॉट यूके के अनुसार, कोरोना वायरस के तीन सबसे बड़े लक्षण होते हैं और अगर किसी को यह भी लक्षण पाए जाते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। कोरोना के अधिकतर लोगों में इनमें से एक लक्षण जरूर पाया जाता है।

पहला लक्षण है तेज बुखार होना। इसका मतलब है कि आप अपनी छाती या पीठ पर छूने पर गर्म महसूस करेंगे (आपको अपने तापमान को मापने की आवश्यकता नहीं है)। 

दूसरा लक्षण है एक नई और लगातार खांसी होना। इसका मतलब है कि एक घंटे से अधिक समय तक खांसी रहना, या 24 घंटे में 3 या अधिक बार खांसी के झटके आना (यदि आपको आमतौर पर खांसी रहती है, तो इस मामले में यह सामान्य से अधिक खराब हो सकता है)। 

तीसरा लक्षण है गंध या स्वाद की कमी। इसका मतलब है कि आपने देखा है कि आप कुछ भी सूंघ या स्वाद नहीं ले सकते हैं। या आपको सामान्य से अलग गंध या स्वाद आ रहा है।

लक्षण जानने के बाद क्या करें

अगर आपको ऊपर बताये गए तीन लक्षणों में से एक भी महसूस होता है, तो आपको तुरंत कोरोना वायरस का टेस्ट कराना चाहिए। जब तक आपका रिजल्ट नहीं आ जाता, तब तक आपको सबसे अलग रहना चाहिए। माना जाता है कि अधिकतर मामलों में कोरोना के लक्षण खुद ठीक हो जाते हैं, लेकिन लक्षणों के बिगड़ने पर आपको तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।  

इस बात का रखें ध्यान

जाहिर है अगर आपके बच्चे में इनमें से कोई लक्षण है तो उसे अलग नहीं रखा जा सकते है। ऐसे मामले में आपको परिवार में से किसी व्यक्ति को उसके साथ रहना चाहिए। इस दौरान आप दोनों को किसी तीसरे सदस्य से नहीं मिलना चाहिए। 

बच्चों के लक्षणों पर रखें नजर

- ध्यान रहे अगर बच्चा 3 महीने से कम उम्र का है और उसका तापमान 38 सेल्सियस या इससे अधिक नहीं होना चाहिए  - अगर बच्चा 3 से 6 महीने का है, तो उसका तापमान 39 सेल्सियस या इससे अधिक नहीं होना चाहिए - इस बात का ध्यान रखें कि बुखार के साथ उसे अन्य लक्षण हैं, जैसे कि दाने तो नहीं हैं - ध्यान रखें कि तापमान 5 दिनों या उससे अधिक समय तक तो नहीं रहता है - डिहाइड्रेशन का ध्यान रखें कि वो बार-बार पेशाब तो नहीं कर रहा 

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