मंकीपॉक्स: पटना के बाद अब नालंदा में भी मिला संदिग्ध मामला, बिहार प्रशासन अलर्ट पर
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 27, 2022 04:54 PM2022-07-27T16:54:54+5:302022-07-27T16:58:56+5:30
बिहार के नालंदा में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज मिला है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही मरीज की पहचान हुई, उसे फौरन होम आइसोलेशन में रख दिया गया है और चिकित्सकों की एक टीम मरीज पर बराबर निगाह बनाये हुए हैं।
पटना:बिहार सरकार मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अलर्ट पर है। पटना के बाद अब ताजा मामला बिहार के नालंदा में दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक बुधवार को नालंदा में भी एक मरीज के सामने आने की बात कही जा रही है, जिसमें मंकीपॉक्स के संदिग्ध लक्षण दिखाई दिया है।
इस मामले में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही मरीज की पहचान हुई, उसे फौरन होम आइसोलेशन में रख दिया गया है और चिकित्सकों की एक टीम मरीज पर बराबर निगाह बनाये हुए हैं।
इस संबंध में नालंदा जिला स्वास्थ्य महकमे के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘प्रथमदृष्टया देखने से मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण समझ में आ रहे हैं. उसे बुखार है और साथ में शरीर में खुजली की भी शिकायत है। मरीज के शरीर से लिये गये नमूने को जांच के लिए पुणे के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही सही स्थिति का पता चलेगा और उसमें अभी चार-पांच दिन लगेंगे, तब तक हम उसकी शारीरिक गतिविधियों पर नजर बनाये हुए हैं।"
मालूम हो कि इससे पहले बीते मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना में एक महिला मरीज में संदिग्ध मंकीपॉक्स के लक्षण मिले थे। महिला पटना शहर के गुरहट्टा इलाके की रहने वाली बताई जाती है। स्वास्थ्य विभाग को जैसे ही जानकारी मिली की महिला में संदिग्ध मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने फौरन उसके शरीर से नमूनों को इकट्ठा किया और उसे भी जांच के लिए पुणे भेजा है। लेकिन चूंकि अभी तक महिला मरीज की भी जांच रिपोर्ट नहीं आयी है। इसलिए उसे भी घर में ही आइसोलेशन में रखा गया है।
इस घटना के सामने आने के बाद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने फौरन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करके मंकीपॉक्स से लड़ने के लिए ब्लू प्रिंट बनाने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही मंगल पांडे ने कहा कि बिहार में मकीपॉक्स नमूनों की जांच की सुविधा नहीं है, लिहाजा हम इस दिशा में भी काम कर रहे हैं ताकि बिहार में ही मामलों की पहचान हो सके और प्रभावित मरीजों को जरूरी चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
बिहार में इन मामलों के प्रकाश में आने से पहले मंकीपॉक्स के लक्षण वाले संदिग्ध मरीज दिल्ली में और केरल में भी मिल चुके हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स के पूरे विश्व में 16,000 से अधिक मामले सामने आने के बाद वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी है।
मंकीपॉक्स बीमारी भी कोरोना की तरह जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बताई जा रही है। संक्रमण से फैलने वाले मंकीपॉक्स के वायरस मुंह, नाक, आंख और त्वचा के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं और इससे संक्रमित मरीजों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर और पीठ में दर्द के अलावा खुलली की शिकायत हो सकती है।