Coronavirus vaccine: कोरोना वैक्सीन पर अच्छी खबर, Moderna vaccine ने बचाई बंदरों की जान, दुनिया की बढ़ी उम्मीदें
By उस्मान | Published: July 30, 2020 10:19 AM2020-07-30T10:19:05+5:302020-07-30T10:19:05+5:30
Coronavirus vaccine update: वैज्ञानिकों ने बंदरों के परीक्षण के दौरान पाया है कि उनमें एंटीबॉडी विकसित हो रही हैं
Coronavirus vaccine update: कोरोना वायरस के इलाज के लिए विकसित अमेरिका की कंपनी मॉडर्ना इंक (Moderna Inc) की वैक्सीन एमआरएनए-1273 (mRNA-1273) को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। बताया जा रहा है कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए विकसित यह वैक्सीन बंदरों में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में प्रभावी साबित हुई है। इस खबर से पूरी दुनिया को इस वैक्सीन से उम्मीदें बढ़ गई हैं।
आपको बता दें कि एमआरएनए-1273 नाम का यह टीका मॉडर्ना और अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिसीज के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है।
बंदरों में विकसित हुई एंटीबॉडी
बंदरों पर किए गए इस टीके के परीक्षण परिणाम 'न्यू इंग्लैण्ड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित हुए हैं। इस अनुसंधान में शामिल आठ बंदरों को तीन समूहों में बांटकर 10 या 100 माइक्रोग्राम के दो इंजेक्शन दिए गए। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि टीका मिलने के बाद बंदरों में सार्स-कोव-2 को नियंत्रित करने वाली एंटीबॉडी काफी संख्या में उत्पन्न हो गईं।
इस वैक्सीन का बड़ा मानव परीक्षण चल रहा है, जिसमें 30,000 लोग शामिल हैं। यह डेटा शोधकर्ताओं का उत्साह बढ़ाएगा। ट्रायल के तीसरे चरण में वैक्सीन के प्रभाव और सुरक्षा की जांच की जाएगी। इसके बाद नवंबर या दिसंबर से वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू हो सकता है।
ह्यूमन ट्रायल में मिले पॉजिटिव रिजल्ट
हाल ही में मॉडर्ना इंक ने अपनी इस कोविड-19 वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल किया था। ट्रायल के दौरान सभी 45 वालंटियर्स में इसके पॉजिटिव रिजल्ट देखे गए। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने सूचना दी है कि यह वैक्सीन सेफ है। वैक्सीन ने वालंटियर्स में इम्यून रेस्पोंस के साथ प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोरोना से जंग के लिए एंटीबॉडी विकसित की है।
टीम ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में बताया है कि इस वैक्सीन का कोई कोई खास दुष्प्रभाव नहीं रहा जिसकी वजह से वैक्सीन के ट्रायल को रोक दिया जाए। इस परीक्षण में 45 ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो स्वस्थ थे और उनकी उम्र 18 से 55 साल के बीच थी। टीम को वैक्सीन की दो खुराकें मिलीं, जिनमें उच्च स्तर के वायरस-मारने वाले एंटीबॉडी थे जो कोविड-19 से बरामद किए गए लोगों में देखे गए औसत स्तर से अधिक थे।
एक महीने के अंतर पर दो खुराक दिया जाना जरूरी
इस टीके की एक महीने के अंतर पर दो खुराक दिया जाना जरूरी है। इसके कोई गंभीर दुष्परिणाम नहीं हैं। टीका विशेषज्ञ और वांडेरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर से जुड़े डॉ विलियम शाफनर ने शुरुआती परिणामों को ‘एक अच्छा पहला कदम’ बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतिम परीक्षण ये जवाब देने में सक्षम होंगे कि यह वास्तव में सुरक्षित और कारगर है। दुनियाभर में कोविड-19 के करीब दो दर्जन टीकों पर विभिन्न चरणों में काम चल रहा है।
दुनियाभर में कोरोना से 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत
दुनियाभर में अब तक 17,185,927 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 670,200 लोगों की मौत हो गई है। इससे सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है और यहां संक्रमितों की संख्या 4,568,037 हो गई है और मरने वालों का आंकड़ा 153,840 हो गया है।
इसके बाद ब्राजील, भारत और रूस सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। भारत में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और अब रोजाना 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। देश में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 15 लाख पार कर गई है। वर्ल्डओमीटर के अनुसार बुधवार सुबह तक देश में कोरोना के मामले बढ़कर 1,532,135 हो गए हैं और मृतकों की संख्या 34,224 हो गई है।
कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। इस महामारी से दुनियाभर में अब तक 16,893,527 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 663,476 लोगों की मौत हो गई है और 10,456,395 लोग ठीक हो चुके हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)