डायरिया, निमोनिया, हृदय रोग, आंख-दिमाग की बीमारियों से बच्चों को बचाने के लिए 16 जनवरी से जरूर करें ये काम

By भाषा | Published: January 14, 2019 11:34 AM2019-01-14T11:34:04+5:302019-01-14T11:34:04+5:30

16 जनवरी से अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। पांच सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान के तहत नौ माह से 15 साल तक उम्र के 55 लाख बच्चों को खसरा-रूबेला (एमआर) का टीका लगाया जाएगा।

Measles-Rubella vaccination drive to be launched on Jan 16 in delhi | डायरिया, निमोनिया, हृदय रोग, आंख-दिमाग की बीमारियों से बच्चों को बचाने के लिए 16 जनवरी से जरूर करें ये काम

फोटो- पिक्साबे

राष्ट्रीय राजधानी में 16 जनवरी से अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। पांच सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान के तहत नौ माह से 15 साल तक उम्र के 55 लाख बच्चों को खसरा-रूबेला (एमआर) का टीका लगाया जाएगा। इस अभियान में दिल्ली के 11 जिलों में सभी प्री-स्कूल बच्चों, स्कूली छात्रों (सरकारी और निजी) और स्कूल के बाहर के बच्चों को भी टीका लगाया जाएगा। अभियान में स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों द्वारा अधिकारियों व प्राचार्यों, शिक्षकों और छात्रों के लिए ओरिएंटेशन शामिल होगा।

हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, " खसरा गंभीर व अत्यधिक संक्रामक रोग है और कई तरह की जटिलताओं को जन्म देता है। उनमें से कुछ में एन्सेफलाइटिस (एक संक्रमण जो मस्तिष्क की सूजन की वजह बनता है), दस्त और डिहाइड्रेशन, निमोनिया, कान में संक्रमण और स्थायी रूप से दृष्टि हानि शामिल हैं।"

उन्होंने कहा, "कुपोषण और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले शिशुओं और छोटे बच्चों को विशेष रूप से जटिलताओं और मृत्यु का खतरा होता है। खसरा और रूबेला एक हल्का वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से बच्चों में होता है। एक महिला जो गर्भावस्था के शुरुआती चरण में रूबेला वायरस से संक्रमित होती है, उसे भ्रूण में स्थानांतरित करने की 90 प्रतिषत संभावना होती है। कुछ मुद्दे जो वायरस पैदा कर सकते हैं, उनमें नवजात शिशुओं में श्रवण दोष, आंख और हृदय दोष और मस्तिष्क क्षति शामिल हैं। इससे सहज गर्भपात और भ्रूण की मृत्यु भी हो सकती है।"

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "अभी भी अनिच्छा, विरोध और अन्य चुनौतियों के अलावा टीकाकरण की गति धीमी है। आजीवन वैक्सीन पहुंचाने में आने वाली चुनौतियों को मौजूदा ज्ञान से संबोधित करने की जरूरत है और पिछले अनुभवों से सबक सीखना चाहिए।"

अभियान के तहत टीकाकरण अनुसूची इस प्रकार है;

बीसीजी (बैसिलस कैलमेट गुएरिन) : जन्म के समय एक खुराक (एक साल तक, अगर पहले नहीं दिया गया है)।

डीपीटी (डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टेटनस टॉक्साइड) पांच खुराक : तीन प्राथमिक खुराक 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह और दो बूस्टर खुराक 16-24 महीने और पांच साल की उम्र में।

ओपीवी (ओरल पोलियो वैक्सीन) पांच खुराक : 0 जन्म के समय खुराक, 6, 10 और 14 सप्ताह में तीन प्राथमिक खुराकें और 16-24 महीने की उम्र में एक बूस्टर खुराक।

हेपेटाइटिस बी वैक्सीन चार खुराक : जन्म के 24 घंटे के भीतर 0 खुराक और 6, 10 और 14 सप्ताह की उम्र में तीन खुराक।

खसरा दो खुराक : पहली खुराक 9-12 महीने पर और दूसरी खुराक 16-24 महीने की उम्र में।

टीटी (टेटनस टॉक्साइड) दो खुराक : 10 साल और 16 साल की उम्र में।

टीटी : गर्भवती महिला के लिए दो खुराक या एक खुराक यदि पहले तीन साल के भीतर टीका लगाया गया हो।

इसके अलावा, जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई वैक्सीन) टीका को अभियान मोड में 112 स्थानिक जिलों में 2006-10 से चरणबद्ध तरीके से पेश किया गया था और अब इसे रूटीन इम्युनाइजेशन प्रोग्राम के तहत शामिल किया गया है।

Web Title: Measles-Rubella vaccination drive to be launched on Jan 16 in delhi

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