दिल्ली स्थित पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन टॉक्सिक्स लिंक के एक हालिया अध्ययन में दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, झारखंड और मणिपुर से एकत्र किये गए इनेमल पेंट के नमूनों में सीसे की अलग-अलग मात्रा पाई गई है।
कुल 32 नमूनों का विश्लेषण किया गया और इनमें सीसे की अलग-अलग मात्रा (15 पीपीएम से 1,99,345 पीपीएम) पाई गईं। निर्धारित सीमा 90 पीपीएम (भाग प्रति दस लाख) है।
उन पेंट में भी सीसे की ज्यादा मात्रा पाई गई जिन्हें ‘‘बिना अतिरिक्त सीसे के’’ बताया जा रहा था।
एनजीओ ने एक बयान में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सीसे से होने वाले नुकसान को वैश्विक रूप से 10 सबसे अहम स्वास्थ्य खतरों में से एक बताया है। बचपन में सीसे के प्रभाव में आने से बच्चे के मस्तिष्क को स्थायी और अपूर्णीय क्षति हो सकती है।