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आयुर्वेद का खजाना है पीले फूल का ये पौधा, चर्म रोग, बवासीर, सूजन जैसी 8 बीमारियों से कर सकता है बचाव

By उस्मान | Updated: June 22, 2021 10:20 IST

गर्मियों के मौसम में फोड़े, फुंसी और दाद जैसे चर्म रोगों के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है

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ठळक मुद्देबवासीर के इलाज में सहायक है कनेरदर्द और सूजन को कर सकता है कमकुत्ते के काटने पर कनेर से करें घरेलू इलाज

आपके आसपास सैकड़ों पेड़, पौधे, फल, फूल व जड़ी बूटियां होती हैं, जिनके बारे में अधिकतर लोगों को नहीं पता होता। लोग अक्सर कुछ ऐसे पेड़-पौधों को उखाड़कर फेंक देते हैं। लेकिन उन्हीं पौधों में से कुछ ऐसे होते हैं, जो विभिन्न बीमारियों के इलाज में सहायक हैं और आयुर्वेद में उनका इस्तेमाल किया जा ता है। 

अगर आप बिना दवाओं के कई रोगों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बता रहे हैं, जो आयुर्वेद में अमृत माना जाता है। यह पौधा कई बड़ी और गंभीर समस्याओं का समाधान कर सकता है। इस पौधे का नाम कनेर है। इसमें पीले रंग के फूल आते हैं और यह आपको कई भी मिल सकता है।

पको बता दें कि कनेर के फूल लाल, पीले सफ़ेद और गुलाबी रंग के होते हैं। ये एक छोटी उंचाई वाला वृक्ष है जो पौधे से थोड़ा बड़ा होता है। इसकी पत्तियां, फूल, टहनी सभी चीजों ओ औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। 

- बहुत से लोग चेहरे पर फोड़ा फुंसी, पेट में गैस, अपच, गैस्ट्रिक आदि समस्याओं से पीड़ित होते हैं। इस तरह के विकारों से राहत पाने के लिए कनेर के फूलों का पेस्ट बना लें और इसमें एक चम्मच हल्दी, 10 ग्राम फिटकरी और मलाई मिलाकर चेहरे पर इस पेस्ट को लगाएं, कुछ दिन इस प्रयोग को करने से चेहरे के सारे फोड़ा फुंसी ठीक हो सकते हैं। 

- त्वचा पर होने वाली खाज, खुजली, एक्जिमा जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी आप कनेर के पत्तों को पीस लें और इसमें उतनी ही मात्रा में नीम के पत्ते मिलाएं। इस पेस्ट को दाद, खाज वाली जगह पर लगाएं। कुछ दिन इसका प्रयोग करने से यह समस्या भी बहुत जल्दी ठीक हो सकती है। 

- कनेर के ताजा फूल 50 ग्राम, 200 ग्राम जैतून तेल और 100 ग्राम के अन्य तेल के मिश्रण को दर्द वाले नसों पर मालिश करने से लाभ होता है। इसी तरह काला धतूर, सफेद कनेर की जड़ को पीसकर तेल में मिलाकर पक्षाघात के रोगियों में लगाने से लाभ होता है।  

- सिर दर्द में कनेर के फूल और आंवला पीस कर ठंडे पानी के साथ मिलाकर सिर में लगाने से दर्द में राहत मिलती है। अर्श रोग में कनेर की जड़ को पीसकर ठंडे पानी के साथ लगाने से अर्श रोगों में लाभ होता है।

- कुत्ते के काटने में भी कनेर फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए कनेर के जड़ का बारीक चूर्ण बनाकर 60 मिलीग्राम की मात्रा में 4 चम्मच दूध में मिलकर दिन में दो बार एक हफ्ते तक रोगी को दें। 

- बवासीर की समस्या में राहत पाने के लिए कनेर और नीम के पत्ते को एक साथ पीसकर इसका लेप बना लें। फिर इस लेप का बवासीर के मस्सों पर प्रतिदिन दो से तीन बार लगाने से काफी राहत मिलती है।

- बालों का समय से पहले सफेद होना एक बड़ी समस्या है इसका अब युवा भी सामना कर रहे हैं। इस समस्या से राहत पाने के लिए कनेर को दूध में पीसकर बालों में लगाने से बालों में लगायें। इससे फायदा हो सकता है। 

- दर्द व सूजन में में कनेर फायदेमंद है। लाल या सफेद फूल वाले कनेर के पत्तों का काढ़ा बनाकर मालिश करने से शरीर के किसी भी हिस्से के सूजन या दर्द में राहत मिलती है।

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