जम्‍मू-कश्‍मीर में लोग मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने को मजबूर, प्रत्‍येक सात में से एक नमूना फेल साबित हुआ

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 21, 2025 10:30 IST2025-08-21T10:28:05+5:302025-08-21T10:30:34+5:30

Adulterated Food in Jammu-Kashmir: अगले वर्ष (2023-24) 9,057 नमूनों की जाँच की गई, जिनमें से 750 मिलावटी पाए गए और 1,612 पर जुर्माना लगाया गया, जिनमें पिछले वर्षों के कुछ लंबित मामले भी शामिल हैं।

Jammu and Kashmir residents forced to eat adulterated food as one out of every seven samples fails test | जम्‍मू-कश्‍मीर में लोग मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने को मजबूर, प्रत्‍येक सात में से एक नमूना फेल साबित हुआ

जम्‍मू-कश्‍मीर में लोग मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने को मजबूर, प्रत्‍येक सात में से एक नमूना फेल साबित हुआ

Adulterated Food in Jammu-Kashmir: यह सच में चौंकाने वाली दुखद खबर है कि जम्‍मू कश्‍मीरवासी में मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने को मजबूर क्‍योंकि प्रत्‍येक सात में से एक नमूना फेल साबित हुआ है।  संसद में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में पिछले पाँच वर्षों में खाद्य पदार्थों में मिलावट का स्तर चिंताजनक स्तर पर पहुँच गया है। जाँचे गए 41,717 नमूनों में से 6,200 से ज़्यादा खाद्य नमूने सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे।

आँकड़े बताते हैं कि 2020 और 2025 के बीच विश्लेषण किए गए लगभग 15 प्रतिशत खाद्य पदार्थ उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाए गए। 2020-21 में, 4,094 नमूनों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 871 को मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया, जिसके परिणामस्वरूप 573 पर जुर्माना लगाया गया।

2021-22 में, जाँच का दायरा बढ़कर 8,109 नमूनों तक पहुँच गया, जिनमें से 1,735 मानकों पर खरे नहीं उतरे। उस वर्ष सबसे ज़्यादा प्रवर्तन भी हुआ, जिसमें 1,931 पर जुर्माना लगाया गया।

2022-23 में, अधिकारियों ने 13,502 नमूनों का परीक्षण किया—जो इस अवधि में सबसे ज़्यादा था—लेकिन 1,195 सुरक्षा मानदंडों पर खरे नहीं उतरे। कुल 1,592 पर जुर्माना लगाया गया। अगले वर्ष (2023-24) 9,057 नमूनों की जाँच की गई, जिनमें से 750 मिलावटी पाए गए और 1,612 पर जुर्माना लगाया गया, जिनमें पिछले वर्षों के कुछ लंबित मामले भी शामिल हैं।

चालू वर्ष (2024-25) में 6,955 नमूनों की जाँच की गई, जिनमें से 651 असुरक्षित पाए गए, जिसके परिणामस्वरूप 1,239 पर जुर्माना लगाया गया। कुल मिलाकर, जम्मू और कश्मीर में 2020 और 2025 के बीच 6,202 गैर-अनुरूप नमूने और 6,900 से अधिक जुर्माना दर्ज किया गया।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण जम्मू और कश्मीर सहित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रवर्तन तंत्र को मजबूत करने और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने का आग्रह कर रहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया कि जब भी नमूने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं, तो चूककर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाता है।

Web Title: Jammu and Kashmir residents forced to eat adulterated food as one out of every seven samples fails test

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