अल्जाइमर की वजह से अब नहीं जाएगी किसी मरीज की याददाश्त, IIT के शोधकर्ताओं ने खोज निकाला अनोखा उपाय

By भाषा | Published: May 21, 2020 09:34 AM2020-05-21T09:34:41+5:302020-05-21T09:39:14+5:30

Alzheimer's diseases tips: करीब 40 लाख लोगों को अल्जाइमर की वजह से याददाश्त खोने का सामना करना पड़ता है।

IIT Guwahati finds new ways to prevent memory loss due to mental disorder Alzheimer's | अल्जाइमर की वजह से अब नहीं जाएगी किसी मरीज की याददाश्त, IIT के शोधकर्ताओं ने खोज निकाला अनोखा उपाय

अल्जाइमर की वजह से अब नहीं जाएगी किसी मरीज की याददाश्त, IIT के शोधकर्ताओं ने खोज निकाला अनोखा उपाय

आईआईटी गुवाहाटी के अनुसंधानकर्ताओं ने अल्जाइमर की वजह से थोड़े समय के लिए जाने वाली याददाश्त को रोकने या कम करने के लिए नए तरीके विकसित करने का दावा किया है। अनुसंधानकर्ताओं ने दावा किया है कि उनके अनुसंधान में एक अलग तरीका मिला है, जो अल्जाइमर की बीमारी टाल सकता है।

दिमाग में न्यूरोटॉक्सिक अणु का लगाया पता

चार सदस्य वाली टीम ने दिमाग में न्यूरोटॉक्सिक अणु को जमा होने से रोकने के तरीकों का पता लगाने के लिए अल्जाइमर के न्यूरोकेमिकल सिद्धांत का अध्ययन किया। न्यूरोटॉक्सिक अणु अल्जाइमर के कारण कम अवधि के लिए याददाश्त जाने से जुड़ा है।

यह अध्ययन एसीएस केमिकल न्यूरोसाइंस, रॉयल सोसाइटी ऑफ कैमिस्ट्री की पत्रिका आरएससी एडवांसेज, बीबीए और न्यूरोपेपटाइड्स समेत प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हुआ है।

भारत में 40 लाख से ज्यादा लोग पीड़ित

संस्थान के जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर विपिन रामाकृष्णन ने बताया कि अल्जाइमर की बीमारी का इलाज अहम है, खासकर भारत के लिए, जहां चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा अल्जाइमर के मरीज हैं। 40 लाख से ज्यादा लोगों को इस बीमारी की वजह से याददाश्त खोने का सामना करना पड़ता है।

अल्जाइमर का सही इलाज नहीं मौजूद

बीमारी का मौजूदा इलाज सिर्फ कुछ लक्षणों को धीमा करता है। अभी तक ऐसा चिकित्सीय दृष्टिकोण नहीं है जो अल्जाइमर के अंतर्निहित कारणों का इलाज कर सके। उन्होंने कहा कि अल्जाइमर रोग के उपचार के लिए लगभग सौ संभावित दवाएं 1998 और 2011 के बीच विफल रही हैं जो समस्या की गंभीरता को दिखाती है।

हमने दिमाग में न्यूरोटॉक्सिक अणुओं को रोकने के लिए निम्न-वॉलटेज इलेक्ट्रिक क्षेत्र और "ट्रोजन पेप्टाइड्स" के इस्तेमाल जैसे कुछ दिलचस्प तरीकों पर काम किया है।"

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर हर्षल नेमाडे के मुताबिक, टीम ने पाया कि निम्न-वोल्टेज और सुरक्षित इलेक्ट्रिकल क्षेत्र का इस्तेमाल जहरीले न्यूरोडीजेनेरेटिव अणु को बनने और जमा होने से रोक सकता है जो अल्जाइमर की बीमारी में अल्प अवधि के लिए याददाश्त जाने का कारण बनता है।  

Web Title: IIT Guwahati finds new ways to prevent memory loss due to mental disorder Alzheimer's

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