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महिलाओं को नहीं होगी गर्भपात की समस्या अगर पति करेंगे रोजाना योगासन, ये 10 तरीके भी आएंगे काम

By उस्मान | Updated: October 24, 2018 15:59 IST

आप सोच रहे होंगे कि पुरुषों के योग करने से महिलाओं के गर्भपात को कैसे रोका जा सकता है? दरअसल पुरुषों द्वारा नियमित रूप से योग करने से शुक्राणु डीएनए की गुणवत्ता में सुधार होता है। 

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गर्भपात हो जाना किसी भी महिला के लिए सबसे बड़ी क्षति होती है। गर्भधारण के बाद अक्सर किसी-किसी महिला का अचानक ही गर्भपात (मिसकैरेज) हो जाता है। ऐसा गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में लापरवाही या कोई दुर्घटना की वजह से हो सकता है। यही वजह है कि डॉक्टर हमेशा महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में महिलाओं को बहुत ज्यादा एहतियात बरतने की सलाह देते हैं। वैसे वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर पुरुष नियमित रूप से योग करते हैं तो उनकी पत्नियों को बार-बार होने वाले गर्भपात की दिक्कत में कमी आ सकती है। 

आप सोच रहे होंगे कि पुरुषों के योग करने से महिलाओं के गर्भपात को कैसे रोका जा सकता है? दरअसल पुरुषों द्वारा नियमित रूप से योग करने से शुक्राणु डीएनए की गुणवत्ता में सुधार होता है। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के शरीर रचना विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों ने प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के साथ मिलकर यह शोध किया है। यह शोध अक्टूबर में पत्रिका एंड्रोलॉजी में प्रकाशित हुआ और इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च के फरवरी अंक में प्रकाशित हुआ।

एम्स के शरीर रचना विज्ञान के आण्विक प्रजनन और आनुवंशिकी प्रयोगशाला की प्रभारी प्रोफेसर रीमा दादा ने बताया कि अध्ययन के दौरान उन दंपतियों में 60 पुरुषों को रोजाना योग कराया गया जिनकी पत्नियों का बार-बार गर्भपात हुआ। दादा ने कहा, 'इन पुरुषों ने अध्ययन में भाग लेने से पहले कभी योग नहीं किया था। उन्हें 90 दिन तक रोज योग कराया गया।' 

उन्होंने बताया कि इन पुरुषों को सेमिनल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और शुक्राणु डीएनए को नुकसान पहुंचा था जिससे निषेचन के बाद भ्रूण का सामान्य विकास नहीं हो पाता और इसके परिणामस्वरूप गर्भपात हो जाता है। दादा ने कहा कि धूम्रपान करना, मद्यपान, फास्ट फूड खाना और पौष्टिक भोजन की कमी, एक जगह बैठे रहने वाली जीवनशैली, मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल, अत्यधिक मनोवैज्ञानिक तनाव और मोटापा जैसी अस्वास्थ्यकर सामाजिक आदतें ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और डीएनए को नुकसान पहुंचाती हैं। बच्चे के स्वस्थ जन्म और जीवनभर उसके स्वास्थ्य पर शुक्राणु डीएनए की गुणवत्ता का काफी असर पड़ता है और योग इसमें बेहद मददगार साबित हुआ है।

गर्भपात से बचाव

1) गर्भधारण के बाद हर तरह से स्वस्थ आदतों को अपनाना चाहिए।  

2) आप अपनी सेहत का खास ख्याल रखें ताकि मिसकैरेज के खतरे से दूर रहे।

3) आप अपनी डाइट में ऐसे पौष्टिक आहार ओ को सम्मिलित करें जिनसे आपको आयरन फोलिक एसिड आदि पोषक तत्व मिल सके।   

4) पुरे गर्भकाल के दौरान हल्के-फुल्के व्यायाम करते रहे। गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार का व्यायाम करने से पहले अपने डॉक्टर की राय अवश्य लेंगे।  5) व्यायाम करने से शरीर क्रियाशील बना रहेगा और हर प्रकार की बीमारी से दूर रहेगा। यह गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। 

6) गर्भ धारण करने से कई महीने पहले ही ध्रुमपान और मदिरा का सेवन पूर्ण तरह से बंद कर दें। तथा गर्भधारण के बाद इनसे दूरी बनाए रखें।

7) अगर किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या  का सामना करना पड़े तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय पर उचित देखभाल किया जा सके। 

8) गर्व काल के दौरान अत्यधिक चाय कॉफी का भी सेवन ना करें। कोल्ड ड्रिंक में भी कैफीन की मात्रा होती है इसीलिए इसका भी सेवन ना करें। 

9) अगर आपको अपने कार्य के वजह से बहुत देर तक कंप्यूटर के सामने बैठना पड़ता है तो हर थोड़ी थोड़ी देर पर अपनी स्पीड से उठकर एक 2 मिनट के लिए वॉकिंग कर ले। 

टॅग्स :गर्भावस्थाहेल्थ टिप्सएम्स
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