सर्दियों में वायरल इन्फेक्शन की तरह ईयर इन्फेक्शन यानी कान से जुड़ी समस्याओ जैसे कान में दर्द, कान बहना, डबल सुनाई देना, कान में हवा भरना जैसी समस्याओं का भी खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर्स का मानना है कि एलर्जिक कोल्ड बढ़ने से कान के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि सर्दियों के दिनों हवा में बहुत सारे वायरस होते हैं। यह वायरस बैक्टीरिया को जन्म देते हैं और फ्लू और वायरल फीवर इन्फेक्शन का कारण बनते हैं जिस वजह से कान भी प्रभावित होते हैं। क्योंकि इन दिनों कफ का अधिक बनना, इसके अलावा, सर्दियों के दौरान, साइनस ग्रंथि से श्लेष्मा स्राव बढ़ता है। अगर संक्रमण गले और नाक को प्रभावित करता है और उसका इलाज नहीं किया गया, तो उससे कान का संक्रमण होने के चांस बढ़ जाते हैं।
कान में इन्फेक्शन होने के लक्षणकान में दर्द होनाकान का बहनाकम सुनाई देनाडबल सुनाई देनाकान में हवा जैसा महसूस होनाठंड में कान का दर्द अधिक बढ़नाकान बंद होना
कान की समस्याओं से राहत पाने के लिए आपको हर बार एंटीबायोटिक्स लेना जरूरी नहीं है। आप कुछ घरेलू उपचारों के जरिए भी इनसे राहत पा सकते हैं। चलिए जानते हैं कि आप क्या-क्या घरेलू नुस्खे ट्राई कर सकते हैं।
1) लहसुनलहसुन में एंटीबायोटिक और दर्द से राहत देने वाले गुण होते हैं। कान की समस्याओं से राहत पाने के लिए आप ओलिव ऑयल और तिल के तेल गर्म करें और उसमें लहसुन की कुछ कली को गर्म कर लें। ठंडा होने के बाद लहसुन अलग कर लें और तेल को कान में डालें।
2) अदरक अदरक में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कान के दर्द को रोकने में सहायक हैं। इसके लिए आपको अदरक और लहसुन को तेल में गर्म करना चाहिए। ठंडा होने पर उस तेल को कान के आसपास लगाएं। ध्यान रहे कि गर्म तेल को सीधे रूप से कान में न डालें।
3) टी ट्री ऑयलटी ट्री ऑयल में एंटीफंगल, एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह सभी गुण कान के दर्द और बेचैनी को कम करने में सहायक हैं। इसके लिए आपको टी ट्री ऑयल को ओलिव ऑयल में मिक्स करके कान में कुछ बूंदें डालनी चाहिए।
इस बात का रखें ध्यानअगर आप कान से जुड़ी किसी समस्या से परेशान हैं और आपको इन उपायों से राहत नहीं मिल रही है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह सिर्फ घरेलू उपाय हैं और गर्म तेल को सीधे रूप से कान में डालने से बचना चाहिए। कोई भी उपाय ट्राई करने से पहले एक्सपर्ट के सलाह लें।