HIV/AIDS treatment: एड्स के मरीजों के लिए खुशखबरी! वैज्ञानिकों ने पहली बार चूहों में किया एचआईवी का सफल इलाज

By उस्मान | Published: July 4, 2019 01:02 PM2019-07-04T13:02:12+5:302019-07-04T13:02:12+5:30

HIV/AIDS treatment: इससे दुनियाभर में एचआईवी से पीड़ित करीब 3.7 करोड़ लोगों को स्थायी इलाज मिलने की उम्मीद जगी है।

HIV/AIDS treatment cure antiretroviral therapy, prevention of aids, list of treatment, antiretroviral drugs in Hindi | HIV/AIDS treatment: एड्स के मरीजों के लिए खुशखबरी! वैज्ञानिकों ने पहली बार चूहों में किया एचआईवी का सफल इलाज

HIV/AIDS treatment: एड्स के मरीजों के लिए खुशखबरी! वैज्ञानिकों ने पहली बार चूहों में किया एचआईवी का सफल इलाज

एड्स (AIDS) के इलाज की दिशा में वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता हासिल की है। इससे दुनियाभर में एचआईवी से पीड़ित करीब 3.7 करोड़ लोगों को स्थायी इलाज मिलने की उम्मीद जगी है। साइंस जर्नल नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने पहली बार संक्रमित चूहे के डीएनए से एड्स के लिए जिम्मेदार एचआईवी वायरस को अलग करने में सफलता हासिल की है।
 
एचआईवी के अभी तक उपलब्ध इलाज से सिर्फ इस वायरस के फैलाव को रोका जा सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता। अभी तक इसके इलाज के लिए एंटीरेट्रोवायरल थेरैपी (एआरटी) का इस्तेमाल किया जाता है। वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए इस थैरेपी की जरूरत जिंदगीभर पड़ती है। 

ऐसे हुई रिसर्च
यह शोध अमेरिका की टेंपल यूनिवर्सिटी व यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने की है। उन्होंने जिनोम एडिटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके कुछ संक्रमित चूहों के डीएनए से इस वायरस को पूरी तरह निकालने में सफलता हासिल की है।


 
शोधकर्ताओं ने यह प्रयोग उन चूहों पर किया जो एचआईवी से संक्रमित होने पर मनुष्य की तरह ही टी सेल्स को पैदा करते हैं। उन्होंने इन चूहों पर इलाज के लिए लेजर एआरटी नाम का तरीका इस्तेमाल किया। इस तरीके से कई हफ्तों तक धीरे-धीरे दवा दी गई और बोन मैरो व दिमाग के उन हिस्सों को लक्ष्य बनाया गया, जहां पर एचआईवी वायरस रहता है। 

इसके बाद भी डीएनए में मौजूद रह गए संक्रमित सेल्स को हटाने के लिए सीआरआईएसपीआर-सीएएस9 जीन एडिटिंग टूल का इस्तेमाल किया गया और एचआईवी वायरस को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया। 

शोध का नतीजा
शोधकर्ता कामेल खलीली ने सीएनएन को बताया की उनके शोध के पूरा होने पर उन्होंने जिन 23 चूहों पर यह प्रयोग किया था, उनमें से नौ एचआईवी वायरस से पूरी तरह मुक्त हो चुके थे। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि एचआईवी वायरस को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। यह प्रयोग दो प्रयोगशालाओं में पांच साल तक किया गया।

वैज्ञानिकों ने हाल ही में बंदरों में भी किया था सफल परीक्षण

हाल ही में एचआईवी (HIV) से निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने एक ऐसे इंडिकेटर की पहचान की है जिससे एचआईवी से लड़ने में मदद मिल सकती है। यह एक ऐसा मेथड है जिससे इम्यून सेल्स में छिपे एचआईवी रूप का सटीक तरीके से पता लगाया जा सकता है। जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी शोधकर्ताओं के अनुसार, यह एक खास प्रोटीन है जिसका नाम कोफिलिन (Cofilin) है। इससे कोशिकाओं में छिपे एचआईवी संक्रमण से लड़ने के लिए मदद मिल सकती है। 

हाल ही में जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक एचआईवी संक्रमित मरीजों में कोफिलिन डिसफंक्शन हेल्पर टी सेल की खराबी का एक प्रमुख कारक है। हेल्पर टी कोशिकाएं एक फॉरेन एंटीजन की उपस्थिति को पहचानकर शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाती हैं और फिर प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रतिक्रिया देने में मदद करती हैं। 

इससे एचआईवी वायरस के सक्रिय रूप को समाप्त किया जा सकता है या नहीं इसके लिए इस मेथड का क्लिनिकल ट्रायल भी किया गया। एक बंदर के परीक्षण में, एड्स वायरस के सिमियन रूप, सिमियन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (SIV) के प्रतिरक्षा नियंत्रण में स्थायी प्रभाव दिखाया है, लेकिन इसका  एचआईवी संक्रमित मानव रोगियों में समान परिणाम नहीं दिखा है।

Web Title: HIV/AIDS treatment cure antiretroviral therapy, prevention of aids, list of treatment, antiretroviral drugs in Hindi

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