लाइव न्यूज़ :

बच्चों में डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकते हैं ये 4 हेल्दी फूड आइटम्स, तीसरे वाले के बारे में जानकर चौंक जाएंगे आप

By मनाली रस्तोगी | Updated: September 15, 2024 17:11 IST

बहुत से लोग डायबिटीज को आनुवंशिकी या जीवनशैली से जोड़कर देखते हैं। हालांकि, ऐसे अध्ययन हुए हैं जो सामान्य खाद्य पदार्थों को बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के संभावित जोखिम कारक के रूप में इंगित करते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देबहुत से लोग डायबिटीज को आनुवंशिकी या जीवनशैली से जोड़कर देखते हैं। फिनिश अध्ययन में डायबिटीज की आनुवंशिक प्रवृत्ति वाले 5,600 से अधिक बच्चों पर नजर रखी गई।गेहूं आधारित वस्तुओं में फाइबर और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व अधिक होते हैं, लेकिन ये टाइप 1 डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ाते हैं। 

बहुत से लोग डायबिटीज को आनुवंशिकी या जीवनशैली से जोड़कर देखते हैं। हालांकि, ऐसे अध्ययन हुए हैं जो सामान्य खाद्य पदार्थों को बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के संभावित जोखिम कारक के रूप में इंगित करते हैं। जहां बढ़ते बच्चों को स्वस्थ आहार की आवश्यकता होती है, यह समझना जरूरी है कि विशिष्ट खाद्य पदार्थ इस बीमारी की शुरुआत में कैसे भूमिका निभा सकते हैं।

साबुत अनाज

साबुत अनाज को आमतौर पर एक स्वस्थ विकल्प माना जाता है, क्योंकि इसमें उच्च फाइबर सामग्री और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। हालांकि, यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज (ईएएसडी) में प्रस्तुत एक नए शोध के अनुसार, जई और राई में उच्च आहार उन बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है, जो आनुवंशिक रूप से इस बीमारी के प्रति संवेदनशील हैं।

फिनिश अध्ययन में डायबिटीज की आनुवंशिक प्रवृत्ति वाले 5,600 से अधिक बच्चों पर नजर रखी गई। निष्कर्षों के अनुसार, जो लोग अधिक राई और जई खाते हैं उनमें आइलेट ऑटोइम्यूनिटी होने की अधिक संभावना थी। यह टाइप 1 डायबिटीज के लिए एक जोखिम कारक है।

व्हीट बेस्ड प्रोडक्ट्स

कई बच्चों के आहार में एक अन्य घटक गेहूं है, जो पास्ता से लेकर ब्रेड तक हर चीज में पाया जा सकता है। गेहूं आधारित वस्तुओं में फाइबर और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व अधिक होते हैं, लेकिन ये टाइप 1 डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ाते हैं। 

पहले बताए गए उसी फिनिश अध्ययन के अनुसार, जो बच्चे पहले से ही आनुवंशिक रूप से डायबिटीज के शिकार थे, अगर वे गेहूं का सेवन करते हैं तो उनमें इस बीमारी के विकसित होने की संभावना अधिक होती है।

यद्यपि अंतर्निहित तंत्र को पूरी तरह से समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है, गेहूं उत्पादों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करने की क्षमता होती है जिससे आइलेट ऑटोइम्यूनिटी हो सकती है।

केले और अन्य गैर-बेरी फल

अधिकांश लोग फलों को स्वास्थ्यवर्धक मानते हैं। केले डायबिटीज के बढ़ते जोखिम से जुड़े थे, जबकि ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे जामुन इस जोखिम को कम करते पाए गए। इस खोज को फलों में अधिक चीनी सामग्री और कीटनाशकों के संपर्क से समझाया जा सकता है।

किण्वित डेयरी उत्पाद

दही और केफिर जैसे किण्वन से गुजर चुके डेयरी उत्पादों को अक्सर प्रोबायोटिक गुणों के रूप में विज्ञापित किया जाता है जो आंत के स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं। 

फिनिश अध्ययन के अनुसार, जो बच्चे अधिक किण्वित डेयरी उत्पादों का सेवन करते हैं, उनमें टाइप 1 डायबिटीज विकसित होने की संभावना अधिक होती है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या किण्वित डेयरी उत्पादों में मौजूद कुछ प्रोटीन या जीवाणु उपभेद प्रतिरक्षा समारोह को प्रभावित करने और ऑटोइम्यूनिटी को ट्रिगर करने की क्षमता रखते हैं।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों की Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।)

टॅग्स :डायबिटीजडायबिटीज डाइट
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वअमेरिका डायबिटीज, मोटापा जैसी स्वास्थ्य समस्याओं वाले विदेशियों को वीज़ा देने से कर सकता है मना

स्वास्थ्यडायबिटीज की बढ़ती महामारी, भारत में 60 करोड़ लोग खतरे की दहलीज पर, बच्चों से लेकर वृद्धों तक स्थिति चिंताजनक

स्वास्थ्यमधुमेह, हृदय रोग और कैंसर केस में बढ़ोतरी?, डॉक्टरों के एक समूह ने कहा-भारत स्वास्थ्य संकट के कगार पर खड़ा

स्वास्थ्यDiabetes Risk Alert: 2019 में देश के 45 साल और उससे अधिक आयु के हर 5 शख्स में से एक को डायबिटीज, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यचबा लेना इस पेड़ के 5 पत्ते, बालों का झड़ना, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों से होगा बचाव...

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत