लाइव न्यूज़ :

आप हो सकते हैं किन जानलेवा बीमारियों का शिकार, जन्म के महीने से ऐसे जानें

By उस्मान | Updated: August 6, 2018 17:52 IST

अगस्त में पैदा हुए पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस, अस्थमा, और थायराइड ग्रंथि की समस्या हो सकती है जबकि महिलाओं को संधिशोथ, गठिया और थ्रोम्बिसिस हो सकता है। 

Open in App

मॉडर्न साइंस ने साबित कर दिया है कि ग्रहों का इंसान के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि कुछ हालिया शोध से पता चलता है कि आप जिस मौसम में पैदा हुए हैं उससे आपके जीवन और स्वास्थ्य प्रभावित होता है। सवाल यह है शरद ऋतु, गर्मी, वसंत, या सर्दियों में पैदा हुए लोगों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? बुडापेस्ट के वैज्ञानिकों का मानना है कि सूरज की रोशनी की कमी से मां के गर्भ में बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है। हैरानी की बात है कि जन्म का महीना डोपामाइन और सेरोटोनिन के स्तर को प्रभावित करता है। ये खुशी वाले हार्मोन हैं। स्पेन के एलिकेंट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक व्यक्ति के जन्म वाले महीने और 27 पुरानी बीमारियों के बीच संबंध पाया है। चलिए जानते हैं-  

जनवरी

सर्दियों में जन्म लेने वाले लोग अवसाद और मूड स्विंग से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं। इतना ही नहीं वो शोर्ट-टेम्पर्ड होते हैं। पुरुषों को गैस्ट्रिक अल्सर, कब्ज, लियोन पेन जबकि महिलाओं को हार्ट अटैक, माइग्रेन और मेनोपॉज का खतरा हो सकता है।  

फरवरी

फरवरी में जन्में पुरुषों को थायराइड ग्रंथि की समस्याएं, ऑस्टियोआर्थराइटिस और हार्ट डिजीज का जबकि महिलाओं को थ्रोम्बिसिस का खतरा हो सकता है।

मार्च

मार्च में पैदा हुए पुरुषों में अस्थमा, मोतियाबिंद, और दिल की समस्या हो सकती है। जबकि महिलाओं को संधिशोथ, कब्ज, और गठिया से अवगत होना चाहिए।

अप्रैल

अप्रैल में पैदा हुए पुरुषों को ऑस्टियोपोरोसिस, थायराइड ग्रंथि की समस्याएं और अस्थमा का जबकि महिलाओं को ब्रोंकाइटिस, ट्यूमर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा होता है। 

मई

मई में पैदा हुए पुरुषों को अस्थमा, अवसाद और मधुमेह का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस, कब्ज, और पुरानी एलर्जी होने की संभावना है। 

जून

जून में पैदा हुए पुरुषों को मोतियाबिंद, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और हृदय रोग होने का खतरा होता है जबकि महिलाओं को संधिशोथ, मूत्र असंतोष, और गठिया से पीड़ित होने की संभावना है। 

जुलाई

जुलाई में पैदा हुए लोगों में अस्थमा, गठिया, ट्यूमर, और पुरानी गर्दन दर्द होने की संभावना है।

अगस्त

अगस्त में पैदा हुए पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस, अस्थमा, और थायराइड ग्रंथि की समस्या हो सकती है जबकि महिलाओं को संधिशोथ, गठिया, और थ्रोम्बिसिस हो सकता है।

 

सितंबर

सितंबर में पैदा हुए हर वक्ती को ऑस्टियोपोरोसिस और थायराइड ग्रंथि की समस्याएं हो सकती है। हालांकि पुरुष अस्थमा से पीड़ित हो सकते हैं और महिलाएं ट्यूमर से पीड़ित हो सकती हैं। 

अक्टूबर

अक्टूबर में पैदा हुए पुरुषों को थायराइड ग्रंथि और माइग्रेन की समस्या हो सकती है जबकि महिलाओं को एनीमिया और कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है। पुरुषों और महिलाओं दोनों में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना है। 

नवंबर

नवंबर में पैदा हुए पुरुषों में पुराने त्वचा रोग और दिल या थायराइड ग्रंथि की समस्याएं होने की संभावना है। नवंबर में पैदा हुई महिलाएं दिल के दौरे, कब्ज, या वैरिकाज़ नसों से पीड़ित हो सकती हैं।  

दिसंबर

साल के आखिरी महीने में पैदा हुए पुरुषों में मोतियाबिंद, अवसाद और हृदय की समस्याएं होने की संभावना है। महिलाओं को अस्थमा, थ्रोम्बिसिस और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस होने की संभावना है।

टॅग्स :हेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत