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हड्डी के टूटने या फ्रैक्चर होने पर तुरंत करें ये 6 काम

By उस्मान | Updated: June 4, 2018 11:54 IST

पीड़ित को हिलाने की कोशिश ना करें। खासकर अगर पीठ या गर्दन में फ्रैक्चर हुआ है क्योंकि इससे उसकी जान जाने के खतरा हो सकता है।

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किसी चीज से तेज धक्का लगने या गिरने से हड्डी में फ्रैक्चर हो सकता है। हड्डी में फ्रैक्चर होना उस स्थिति को कहते हैं, जब आपकी हड्डी में चोट लगने से नुकसान होता है। हालांकि हड्डी में फ्रैक्चर होना जीवन को खतरे में नहीं डालता है लेकिन असहनीय दर्द जरूर होता है। इसके लिए तत्काल इलाज की जरूरत होती है। हड्डी टूटने का सबसे बड़ा लक्षण यह है कि चोट लगने वाली जगह पर आपको असहनीय दर्द के साथ सूजन हो सकती है। इसके अलावा उस हिस्से में त्वचा का नीला हो जाना और खून आना शामिल है। अगर आपके सामने किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है, तो उसकी मदद करने से पहले कुछ बातों को जानना आपके लिए जरूरी है।

पहला उपाय- एम्बुलेंस बुलाएं

अगर व्यक्ति बेहोश है और वो सांस नहीं ले पा रहा है या हिल नहीं रहा है, तो तुरंत 102 या 108 पर कॉल करें। उसकी पल्स चेक करें और अगर उसने सांस लेना बंद कर दिया है, तो तुरंत सीपीआर दें।  

दूसरा उपाय- खून रोकें

फ्रैक्चर होने से तेज खून बह सकता है। इसलिए आपको खून रोकना जरूरी है। इस स्थिति में आपको किसी साफ कपड़े को उस हिस्से पर कसकर बांध देना चाहिए। इस दबाव से खून को रोकने में मदद मिल सकती है। 

तीसरा उपाय- दहशत का इलाज

ऐसी स्थिति में पीड़ित को दहशत हो सकती है इसके लक्षणों में सांस में कमी, कमजोरी और चक्कर आना शामिल हैं। ऐसे में दिल की धड़कन बढ़ने और सांस में कमी से खून तेजी से बह सकता है। इतना ही नहीं दहशत की वजह से अन्य अंगों से खून बह सकता है, खासकर फ्रैक्चर वाले हिस्से से। इस स्थिति में व्यक्ति के पैरों को कम से कम 12 इंच तक बढ़ाने की कोशिश करें। उसे कंबल ओढ़ाएं ताकि उसका शरीर गर्म रहे।

 

चौथा उपाय- टूटे हुए जोड़ को स्थिर करें

पीड़ित को हिलाने की कोशिश ना करें। खासकर अगर पीठ या गर्दन में फ्रैक्चर हुआ है क्योंकि इससे उसकी जान जाने के खतरा हो सकता है। अगर आपके पास उसे मूव करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, तो आप अखबार, पत्रिका, या कार्डबोर्ड के टुकड़े को फोल्ड करके एक स्प्लिंट यानी खपच्ची बना सकते हैं। उस खपच्ची को फ्रैक्चर जॉइंट के पास रखें और कपड़े से कसकर बांध दें। 

यह भी पढ़ें- 5 दिन में अंकुरित हुआ लहसुन खाने से नहीं होंगे कैंसर, बीपी, स्ट्रोक जैसे ये 5 रोग

पांचवां उपाय- ठंडी पट्टी करें

आप प्रभावित हिस्से पर ठंडे पानी की पट्टी कर सकते हैं। आइस पैक से सूजन को कम करने में मदद मिलती है और दर्द कम होता है। ध्यान रहे कि फ्रैक्चर वाले हिस्से पर डायरेक्ट बर्फ ना लगाएं। आपको बर्फ को किसी कपड़े में बांधकर उस हिस्से की सिकाई करनी चाहिए।  

छठा उपाय- पेनकिलर दें

अगर मदद आने में समय लग रहा है, तो आप उसे पेनकिलर दे सकते हैं। ध्यान रहे कि कुछ पेनकिलर खून को पतला कर सकती हैं जिससे खून ज्यादा बह सकता है। इसलिए लेनोल या आईब्रुफेन वयस्कों के लिए बेहतर विकल्प है। लेकिन बच्चों को केवल लेनोल ही दें। 

(फोटो- पिक्साबे) 

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