चरस, गांजा और भांग जैसे नशीले पदार्थों के मिश्रण कैनबिस (cannabis) के सेवन से आपको अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं इससे आपको चिंता को दूर करने और तनाव से बचने में भी मदद मिलती है। इस बात का खुलासा वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। हालांकि उन्होंने चेतावनी दी है कि इसके लंबे समय तक सेवन से आपको नुकसान हो सकता है।
क्या कहना है शोधकर्ताओं का
शोधकर्ताओं ने तनाव, चिंता और अवसाद से पीड़ित 12 हजार लोगों को अपने अध्ययन में शामिल किया। उन्होंने उन लोगों से भांग के सेवन के तरीके और मात्रा की जानकारी ली। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन लोगों में चिंता और अवसाद के लक्षण 58 फीसदी तक कम हो गए थे।
कैनबिस ही क्यों?
कैनबिस में सीबीडी या कैनाबिडोल (cannabidiol) नामक सक्रिय यौगिक पाया जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जब आप इसका एक कश लेते हैं, तो इससे आपको अवसाद के लक्षणों को कम करने जबकि 10 कश लेने से तनाव को कम करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं इसके के सिर्फ दो कश लेने से चिंता से मुक्ति पाई जा सकती है।
कैनाबिडोल के साइड इफेक्ट्स
शोधकर्ताओं के अनुसार, इसमें कोई शक नहीं है कि सीमित मात्रा में कैनाबिडोल का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहतर है लेकिन इसके अधिक सेवन से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
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भांग के फायदे
एक अध्ययन के अनुसार, अर्थराइटिस के दर्द में भी भांग बहुत ही प्रभावकारी रूप से काम करता है। भांग में इंफ्लेमेटरी और एनलजेसिक गुण होते हैं जिस वजह से यह गठिया के दर्द को कम करने में मदद करता है। बुखार होने पर अगर आप सीमित मात्रा में भांग का सेवन करते हैं, तो ये बुखार के लक्षणों को कम करने के साथ-साथ शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है।
भांग के नुकसान
भांग खाने के बाद आपको सेहत से जुड़ी कुछ परेशानियां जैसे अत्यधिक सिरदर्द, सिर भारी होना, घबराहट, ऊल्टी, मितली, चिंता आदि महसूस हो सकती हैं, जो काफी तकलीफदेह होती हैं। आप बहकी-बहकी बातें कर सकते हैं और कमजोर दिमागी क्षमता हो तो यह आपके मानसिक संतुलन को भी बिगाड़ सकती है।
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गांजा के फायदे
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के अनुसार नर्व डैमेज होने से उठने वाले दर्द में गांजा आराम देता है। एक अन्य शोध के अनुसार गांजा पीने से उन मरीजों को पुराने पड़ चुके दर्द से काफी राहत मिल सकती है जिनकी नर्व्स डैमेज हो चुकी हैं। नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह साबित किया है कि गांजा स्ट्रोक की स्थिति में ब्रेन को नुकसान से बचाता है। गांजा स्ट्रोक के असर को दिमाग के कुछ ही हिस्सों में सीमित कर देता है। साथ ही नींद और बेचैनी के मामलों में भी गांजा के इस्तेमाल से सुधार नजर आया।
नोट- आर्टिकल में दी गई जानकारी कुछ लोगों पर हुए अध्ययन पर आधारित है। अगर आप चिंता, तनाव और अवसाद से पीड़ित हैं, तो आपको इनसे छुटकारा पाने के लिए चरस, गांजे का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए।
(फोटो- पिक्साबे)