Medical History: 18 साल से मौत को चकमा दे रहे थे अटल बिहारी वाजपेयी

By उस्मान | Published: August 17, 2018 11:33 AM2018-08-17T11:33:56+5:302018-08-17T11:33:56+5:30

11 जून से वे अस्पताल में भर्ती थे और उनका स्वास्थ्य स्थिर हालात में ही था परंतु 15 अगस्त से ही उनकी हालत नाजुक होने की खबरें आने लगीं। पूरा देश अटल जी के अच्छे स्वास्थ्य की दुआ में लग गया लेकिन हुआ वही जो समय को मंजूर था।

health problems and medical history of atal bihari vajpayee | Medical History: 18 साल से मौत को चकमा दे रहे थे अटल बिहारी वाजपेयी

फोटो- सोशल मीडिया

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के साथ भारतीय राजनीति का एक युग समाप्त हो गया। भारतीय जनता पार्टी में हर किसी के प्रेरणा स्रोत रहे अटल जी ने 16 अगस्त, दिन गुरूवार शाम 5 बजकर 5 मिनट पर दिल्ली के AIIMS अस्पताल में आखिरी सांस ली। 11 जून से वे अस्पताल में भर्ती थे और उनका स्वास्थ्य स्थिर हालात में ही था परंतु 15 अगस्त से ही उनकी हालत नाजुक होने की खबरें आने लगीं। पूरा देश अटल जी के अच्छे स्वास्थ्य की दुआ में लग गया लेकिन हुआ वही जो समय को मंजूर था। अटल जी ने तबीयत खराब होने की वजह से लगभग 14 साल पहले ही राजनीति से दूरी बना ली थी। चलिए जानते हैं कि बीमारी और स्वास्थ्य को लेकर उनका सफर कैसा रहा। 

साल 2004 में चलना फिरना हो गया बंद
साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी को घुटनों में दर्द की शिकायत पर मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां उनके दाएं घुटने का ऑपरेशन हुआ। इसके बाद लगातार उनकी तबीयत खराब रहने लगी। सर्जरी के चलते उन्होंने साल 2004 में चलना फिरना बंद कर दिया था और व्हीलचेयर पर रहने लगे। 

साल 2009 में स्ट्रोक का पता चला
अटल जी के मित्र एनएम घाटे ने साल 2009 में इस बात का खुलासा किया कि अटल जी दिमागी बीमारी 'स्ट्रोक' से पीड़ित हो गए हैं। इस बात का जिक्र अटल जी ने खुद अपने एक भाषण में किया था। इसके बाद उनकी तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी और उन्होंने राजनीति से दूर रहने का फैसला किया। 

अल्जाइमर और डिमेंशिया के भी थे शिकार  
इस बीमारी का अटल जी पर इतना बुरा असर हुआ कि उनकी याददाश्त कमजोर होने लगी और वो अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी दिमागी बीमारी का भी शिकार हो गए। इस बात का खुलासा हिमाचल प्रदेश के रहने वाले डॉ। रणदीप गुलेरिया ने किया था, जो 1998 से अटल बिहारी वाजपेयी के पर्सनल फिजिशियन हैं। 

डायबिटीज और किडनी इन्फेक्शन ने भी ले लिया चपेट में 
अटल जी को मीठी चीजें बहुत पसंद थी लेकिन डायबिटीज, किडनी इन्फेक्शन और यूटीआई की समस्या कि वजह से उन्हें मीठी चीजें खाना मन था। किसी उत्सव के दौरान उन्हें बहुत कम मीठा दिया जाता था। 

11 जून, 2018 में एम्स में भर्ती 
इसी साल यानी 11 जून, 2018 को उन्हें इलाज के लिए दिल्ली एम्स में दाखिल किया गया। उनकी एक किडनी पहले ही खराब हो गई थी और दूसरी किडनी में इन्फेक्शन हो गया था। इसलिए उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। 

16 अगस्त, 2018 को ली अंतिम सांस
भारतीय जनता पार्टी में हर किसी के प्रेरणा स्रोत रहे अटल जी ने 16 अगस्त, 2018 को दिल्ली AIIMS अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनके निधन पर ना केवल राजनीतिक दिग्गज बल्कि पूरा देश शोक में आ गया। अटल जी के 'दागरहित' राजनीतिक करियर के कारण ही वे लोगों के दिलों में बसे हैं। 

English summary :
An era of Indian politics has ended with the death of former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee. Atalji, who was an inspiration for everybody in the Bharatiya Janata Party, took his last breathe at the AIIMS hospital in Delhi on August 16, 5:05 PM in the evening. Since Atal Bihari Vajapyeee was admitted to the hospital since June 11 and his health was in stable condition, but since August 15, news of his deteriorating health condition started coming to fore. Atal ji had made a distance from politics almost 14 years ago due to poor health. Let's know how Atal Bihari Vajpayee kept fighting with sickness and bad health for last 18 years.


Web Title: health problems and medical history of atal bihari vajpayee

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