मानसिक विकार अल्जाइमर (Alzheimer) का औषधीय जड़ी-बूटी यर्बा सैन्टा ( yerba santa) द्वारा इलाज किया जा सकता है। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यर्बा सैन्टा एक देसी इलाज है जो भविष्य इस बीमारी में अच्छा रिजल्ट देगा। यर्बा सैन्टा हर्बल दवा में इस्तेमाल किये जाने वाला पौधा है।
अमेरिका के साल्क इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के अनुसार, अल्जाइमर रोग का इलाज प्राकृतिक रूप से भी किया जा सकता है और यह पौधा इसके लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। इस पौधे में शक्तिशाली रसायन होते हैं, जो कई बीमारियों जैसे बुखार और सिरदर्द का इलाज करने में सहायक हैं।
यर्बा सैन्टा ( yerba santa) के अन्य स्वास्थ्य फायदेयर्बा सैन्टा एक हरे रंग का पौधा होता है जिस पर सदाबहार सफेद और बैगनी रंग के फूल आते हैं। यह पौधा ज्यादातर वॉशिंगटन के कैलिफोर्निया में पाया जाता है। इसके औषधीय गुणों की वजह से इसे पवित्र जड़ी-बूटी माना जाता है।
अस्थमा और खांसी के लिएसदियों से इस पौधे का इस्तेमाल कई दवाओं में होता चला आ रहा है। इस औषधि का इस्तेमाल एलर्जी, दमा, ब्रोंकाइटिस, जुकाम, खांसी, सूखी खांसी, बलगम की खांसी, बुखार और सांस से जुडी कई बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है।
बुखार, गठिया के लिएसांस की बीमारियों से लेकर बुखार और सिरदर्द के इलाज के लिए लोग इसकी पत्तियों का पानी पीते हैं। इसके अलावा घावों, गले की मांसपेशियों और गठिया जैसे रोगों के इलाज के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
कैंसर के इलाज के लिएजर्नल नैचुरल प्रोडक्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, यर्बा सैंटा के रस में एंटी कैंसर गुण होते हैं जिस वजह से इसके इस्तेमाल कैंसर के इलाज में किया जा सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर के लिए जिम्मेदार तत्वों का नाश कर करने कैंसर की रोकथाम में सहायता कर सकते हैं।
इस बात का रखें ध्यानऊपर बताई गई समस्याओं से राहत पाने के लिए इस पौधे का इस्तेमाल करने से पहले आपको एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए। बिना-सोचे समझे इसके इस्तेमाल करने से आपको कई नुकसान भी हो सकते हैं।