शिवजी का पसंदीदा फल धतूरा गंजेपन, बवासीर, जोड़ों के दर्द सहित इन 6 रोगों का करता है नाश
By उस्मान | Published: August 9, 2018 04:37 PM2018-08-09T16:37:37+5:302018-08-09T16:37:37+5:30
अगर आप अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर करना चाहते हैं, तो आपक एक्सपर्ट की सलाह के बाद आज ही से धतूरे का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए
सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना होता है। इस दौरान भक्त भगवान शिव को खुश रखने के लिए हर जतन करते है। सावन में भगवान शिव की हर पसंदीदा चीज को चढ़ाया जाता है, उन्हीं में से एक है धतूरा के फल। शिव पुराण में बताया गया है कि शिव को धतूरा बहुत पसंद है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धतूरे का फल और पत्ता औषधि के रूप में भी काम आता है। यह प्रायः शीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय मौसम में उगने वाला पौधा है। इसका इस्तेमाल कई दवाईयों के बनाने के दौरान किया जाता है। धतूरा सफेद, काला, नीला, पीला तथा लाल फूल वाला कई जातियों का मिलता है। यह अर्थराइटिस में भी बेहद लाभकारी होता है। दर्द होने पर धतूरे के पंचांग का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पका लें। जब तेल रह जाए तो इस तेल से मालिश करें। जोड़ों और दर्द वाले हिस्सों पर अच्छे से मालिश करने के बाद उसपर धतूरे का पत्ता बांध लें। अर्थराइटिस की समस्या ठीक हो जाएगी। इसके अलावा बाल झड़ने की समस्या के लिए भी बहुत फायेमंद हो सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इसके रस को सिर पर मलने से बाल उगते है। औषधि गुणों की खान माने जाने वाले धतूरा की जड़, फल, फूल, पत्ते भी औषधि गुणों से युक्त होते हैं। चलिए जानते हैं इससे आपको क्या-क्या फायदे होते हैं।
1) दर्द में राहत
दर्द से रहत पाने के लिए धतूरे के रस को टिल के तेल में मिलकर गर्म कर लें और दर्द वाली जगह पर इस तेल की मालिश करें।
2) गंजेपन को करे दूर
धतूरे का प्रयोग गंजेपन को दूर करने के लिए फायदेमंद साबित होता है। इसके रस को सिर पर मलने से न केवल डैंड्रफ ख़त्म होती है, बल्कि गंजेपन से भी छुटकारा मिलता है। इसके अलावा सिर पर जुएं होने पर आधा लीटर सरसों के तेल में ढाई सौ ग्राम धतूरे के पत्तों का रस निकालकर लगा लें। इससे जुएं की समस्या खत्म हो जाएगीं।
3) बवासीर के लिए
बवासीर के इलाज के तौर पर भी धतूरे का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए धतूरे के फूल और पत्तों को जलाकर इसके धुएं से बवासीर के मस्सों की सिकाई करने से भी फायदा होता है।
4) बुखार से दिलाता है राहत
बुखार या कफ होने की स्थिति में लगभग 125 -250 मिलीग्राम धतूरे के बीज लेकर इसे जलाकर राख बना लें और इस राख को मरीज को दें। इससे बुखार या कफ गायब हो जाएगा।
5) जोड़ों के दर्द को करता है छूमंतर
नियमित रूप से धतूरे के रस और तिल के तेल की मालिश करने से जोड़ों की समस्या और गठिया जैसी समस्याओं से न केवल काफी हद तक निजात पाई जा सकती है बल्कि इस रोग को पूरी तरह से मिटाया भी जा सकता है
6) सेक्स लाइफ बनती है बेहतर
धतूरें के बीज को अकरकरा और लौंग के साथ मिलाकर छोटी-छोटी गुटिका बनाकर सेवन करने से ये यौन शक्ति में इजाफा करता है।
इस बात का रखें ध्यान
ऊपर बताई गई समस्याओं से राहत पाने के लिए धतूरे का इस्तेमाल करने से पहले आपको किसी एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।