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बैड कोलेस्ट्रॉल हो या दस्त की समस्या, सभी परेशानियों से छुटकारा दिलाती है तुलसी की पत्ती

By मेघना वर्मा | Updated: January 24, 2018 15:32 IST

अगर आप अनिद्रा से पीड़ित हैं तो तुलसी के पत्ते और अजवायन किसी कपड़े में रखकर पोटली बनाकर अपने तकिये के नीचे रखकर सोयें, अच्छी नींद आएगी।

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भारत में पवित्र पौधे के रूप में प्रसिद्ध "तुलसी" ना सिर्फ अपनी पौराणिक कथाओं के कारण प्रसिद्ध है बल्कि अपने औषधि गुणों के लिए भी जानी जाती है। वैदिक काल से ही इस पौधे की पत्तियां और बीज दोनों ही औषधीय कारणों से प्रयोग में लाए जा रहे हैं। तुलसी के पौधे की पत्तियां विषाणु द्वारा पैदा की जाने वाले कई तरह की बीमारियों को काटने में सक्षम है। भारत में तुलसी की खेती का लगभग 5000 साल पुराना इतिहास है। विभिन्न मल्टी नेशनल कम्पनियां अपने उत्पादों में तुलसी का बड़ी संख्या में इस्तेमाल कर रही हैं। 

तुलसी सचमुच प्रकृति द्वारा दिया गया एक अमृत है। यह एकमात्र ऐसा पौधा है जिसके रोगनाशक गुण आसपास के वातावरण में लगातार अपने आप फैलते रहते हैं और वातावरण को स्वच्छ रखने में योगदान प्रदान करते हैं। इसलिए इसके पास खड़े होने, छूने, रोपने, पानी चढ़ाने में रोगों के प्रभाव से बचाव हो जाता है। तुलसी की लकड़ी, छाल, पत्तियाँ, फल-फूल, जड़ आदि सभी मनुष्य के लिए उपयोगी हैं। हमें स्वस्थ एवं सुखी जीवन के लिए इनकी उपयोगिता एवं वैज्ञानिकता को समझना चाहिए।

आज हम आपको तुलसी के कुछ स्वास्थ्य वर्धक फायदे बताने जा रहे हैं: 

1. बारिश के मौसम में, जब सर्दी, बुखार और डेंगू जैसी बीमारियों के संक्रमण फैलते हैं, इसकी पत्तियों का काढ़ा नियमित रूप से पीना शरीर को इन संक्रमणों से बचाता है। बुखार अधिक होने की स्थिति में मरीज को तुलसी की पत्तियों को दालचीनी के पाउडर के साथ आधा लीटर पानी में उबालकर देना चाहिए। इससे बुखार की तेजी से कम हो जाता है।

2. बुखार के उपचार के लिए एक ग्राम तुलसी की पत्तियों को थोड़े अदरक के साथ आधा लीटर पानी में इतना उबालना चाहिए कि पानी की मात्रा घटकर आधी रह जाए, तब इस काढ़े को चाय की तरह पीना चाहिए। तुलसी की पत्तियां कफ या गले के किसी भी तरह के इन्फेक्शन में राहत दिलाती हैं। तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी को पीने और उससे गरारे करने से गला ठीक हो जाता है।

3. सिरदर्द होने पर तुलसी की पत्तियों का रस और कपूर मिलाकर सिर पर लगाएं, जल्दी ही सिरदर्द से आराम मिलता है।

4. खांसी, जुकाम होने पर तुलसी के पत्तों के साथ लौंग को एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तब थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर गर्म चाय की तरह पीना चाहिए। 

5. अगर आप कम नींद आने यानि अनिद्रा से परेशान हैं तो तुलसी के पत्ते और अजवायन किसी कपड़े में रखकर पोटली बनाकर अपने तकिये के नीचे रखकर सोयें। ऐसा करने से नींद अच्छी आती है। 

6. तुलसी का रस या तेल की एक दो बूंदे नाक से सूंघने से मस्तिष्क में तरावट आती है।

7. तुलसी के पत्ते को पानी में मिलाने से पानी की अशुद्धि दूर होती है।

8. तुलसी के रस से पेट के कीड़े, उल्टी, हिचकी, भूख अच्छी लगना, लीवर की कार्यशक्ति बढ़ाना, बैड कोलेस्ट्रॉल कम करना, पेट की गैस , दस्त, कोलाइटिस, कमर दर्द, जुकाम, सिरदर्द, बच्चों के रोग, हृदय रोग आदि सभी बिमारियों में लाभ होता है।

9. तुलसी के साथ काली मिर्च का सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है। पुरानी खांसी जो किसी भी तरह ठीक नहीं होती, वह भी ठीक हो सकती है।

10. तुलसी की पत्तियों के साथ निम्बू का रस मिलायें तथा इसे एग्जीमा तथा खाज-खुजली के स्थान पर लगायें। जल्द ही आराम मिलेगा।

11. तुलसी अर्क के भी अनेकों फायदे हैं। ब्लड कोलेस्ट्रॉल, एसिडिटी, पेचिस, कोलाइटिस, स्नायु दर्द, सर्दी-जुकाम, सिरदर्द, उल्टी-दस्त, कफ, चेहरे की क्रांति में निखार, मुंहासे, सफेद दाग, कुष्ठ रोग, मोटापा कम, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, मलेरिया, खांसी, दाद, खुजली, गठिया, दमा, मरोड़, आंख का दर्द, पथरी, नकसीर, फेफड़ों की सूजन, अल्सर, पायरिया, शुगर, मूत्र संबंधी रोग आदि रोगों में फायदेमंद है।

12. महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता और पीरियड्स के दर्द को दूर करने में भी तुलसी के बहुत लाभ हैं, इसके लिए तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में उबालकर एक चम्मच शहद के साथ दिन में तीन बार लें, इससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

13. सांस की बदबू को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं और नेचुरल होने की वजह से इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता है। अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें। 

14. अगर आपको कहीं चोट लग गई हो तो तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है क्योंकि तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो घाव को पकने नहीं देता है। इसके अलावा तुलसी के पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है।

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