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शरीर में यूरिक एसिड को रोककर, गाउट, किडनी की पथरी और किडनी फेल होने से बचाएंगी ये चीजें

By उस्मान | Updated: November 4, 2018 14:48 IST

गाउट रोग के कारण जोड़ों में दर्द पीड़ितों की संख्या पिछले दस सालों में दो गुना बढ़ गई है। भारतीयों में कुल जनसंख्या के डेढ़ से तीन प्रतिशत लोग गाउट रोग से पीड़ित हैं। इनमें भी शहरी लोगों की संख्या ग्रामीण परिवेश में रहने वालों से काफी अधिक है। गाउट रोग खून में यूरिक एसिड बढ़ जाने की वजह से होता है। यूरिक एसिड अधिक मात्रा में मांसाहार करने, एल्कोहल एवं सोफ्ट ड्रिंक पीने या फास्ट फूड का सेवन करने से बढ़ता है।

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गाउट रोग के कारण जोड़ों में दर्द पीड़ितों की संख्या पिछले दस सालों में दो गुना बढ़ गई है। भारतीयों में कुल जनसंख्या के डेढ़ से तीन प्रतिशत लोग गाउट रोग से पीड़ित हैं। इनमें भी शहरी लोगों की संख्या ग्रामीण परिवेश में रहने वालों से काफी अधिक है। गाउट रोग खून में यूरिक एसिड बढ़ जाने की वजह से होता है। यूरिक एसिड अधिक मात्रा में मांसाहार करने, एल्कोहल एवं सोफ्ट ड्रिंक पीने या फास्ट फूड का सेवन करने से बढ़ता है। डिब्बा बंद खाने में शर्करा (फ्रुक्टोज) की मात्रा अधिक होती है जो कि खून में मिलकर यूरिक एसिड बनाती है। किडनी स्पेशलिस्ट डॉक्टर रणवीर सिंह चौधरी के अनुसार, दूध वाला प्रोटीन गाउट पीड़ितों के लिए अच्छा आहार है. डॉक्टर के अनुसार, खून में यूरिक एसिड बढ़ने के मामले विगत 10 सालों में बहुसंख्या में सामने आ रहे हैं। प्रति सौ में 5 से 13 प्रतिशत लोग इससे ग्रसित पाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़, किडनी और हार्ट को नुकसान पहुंचता है।

यूरिक एसिड क्या होता है? यूरिक एसिड कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना कम्पाउंड होता है जो शरीर को प्रोटीन से एमिनो अम्लों के रूप में प्राप्त होता है। इस एसिड की सामान्य मात्रा तो यूरिन के साथ शरीर से बाहर निकल जाती है लेकिन जब इसकी ज़्यादा मात्रा शरीर में बनने लगती है तो ये मात्रा बाहर निकलने की बजाये शरीर में ही जमा होती जाती है और गठिया का रूप ले लेती है। 

गाउट क्या है? जोड़ों में गाउट नाम की बीमारी हो जाती है। किडनी में पथरी बनने लगती है। यूरिक एसिड ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में सहायक होकर किडनी व हार्ट को प्रभावित करने लगता है। उन्होंने बताया कि कैंसर के मरीजों को कीमोथैरेपी देने के तुरंत बाद खून में यूरिक एसिड की मात्रा एकदम से बढ़ जाती है व किडनी की नलियों में जाकर अवरोध पैदा कर देती है जिससे किडनी फेल हो सकती है।

गाउट के कारण और खाने की चीजेंडॉक्टर के अनुसार, वर्तमान दौर में खानपान का पाश्चात्यकरण होने से लोगों में मोटापा बढ़ रहा है एवं लोग ब्लड शुगर; डायबिटीज वल्र्ड ,से ग्रसित होने लगे हैं। नतीजतन यूरिक एसिड से होने वाली बीमारियां होने लगी हैं। उन्होंने सलाह दी कि गाउट से ग्रसित रोगियों को मांसाहारी भोजनए एल्कोहल, कोल्ड ड्रिंक, डिब्बा बंद फूड से बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि खूब पानी पीना चाहिए, चैरी, पपीता, ग्रीन टी एवं विटामिन सी युक्त फल का सेवन करना चाहिए।

इस बात का रखें ध्यानअगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में कोई भी लक्षण महसूस होता है या हेल्दी डाइट के बावजूद अगर खून में यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा हो तो डॉक्टर से मिलकर यूरिक एसिड कम करने की दवाइयां चालू करानी चाहिए।

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