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डायबिटीज, खूनी बवासीर का काल है लहसुन का दूध, यौन समस्या शीघ्रपतन को भी कर सकता है खत्म

By उस्मान | Updated: May 29, 2019 11:18 IST

आयुर्वेदिक ग्रंथों में लहसुन और दूध के मिश्रण को बहुत अधिक प्रभावशाली माना गया है। बताया गया है की इस मिश्रण के नियमित सेवन से कई गंभीर बीमारियों के इलाज और उनसे बचने में मदद मिल सकती है। 

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मेडिकल क्षेत्र में हर बीमारी के लिए विभिन्न तरह के इलाज मौजूद हैं लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसका खर्चा भी बहुत ज्यादा है। इसके अलावा हर दवा के फायदों के साथ दुष्प्रभाव भी हैं। यही कारण है कि अब बहुत से लोग आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की ओर रुख कर रहे हैं। आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों, मसालों और अन्य प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।

आयुर्वेद के अंतर्गत आने वाली चीजें बीमारी को रोकने के अलावा समग्र स्वास्थ्य में  सुधार करती हैं। आयुर्वेदिक ग्रंथों में लहसुन और दूध का उल्लेख किया गया है। इस मिश्रण को बहुत अधिक प्रभावशाली माना गया है। बताया गया है की इस मिश्रण के नियमित सेवन से कई गंभीर बीमारियों के इलाज और उनसे बचने में मदद मिल सकती है। नियमित रूप से इस मिश्रण के सेवन से आपको यह फायदे होते हैं- 

डायबिटीज के इलाज में मददगारलहसुन में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक और लिपिड-लोवेरिंग गुण होते हैं और वैज्ञानिकों का कहना है कि लहसुन ग्लाइसेमिक कंट्रोल करने के लिए भी प्रभावी है। येही वजह है की इससे डायबिटीज और इससे जुड़ीं परेशानियों से बचने में मदद मिलती है। डायबिटीज की दवा पर लहसुन के प्रभाव पर एक अध्ययन में पाया गया कि लहसुन मेटफोर्मिन के प्रभाव में सुधार करता है। लहसुन के साथ मेटफॉर्मिन को सप्लीमेंट करने से ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है और कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में भी गिरावट आती है।

मुंहासों से छुटकारा दिलाने में सहायकलहसुन में कई सल्फर यौगिक होते हैं, जो इन मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया के प्रसार को रोकने में मदद करते हैं, जिससे ब्रेकआउट का खतरा कम होता है। लहसुन का दूध पीने से मुंहासों को रोकने में मदद मिलती है क्योंकि यह मिश्रण रक्त द्वारा अवशोषित हो जाता है और फिर पसीने के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। इससे बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद मिलती है। 

कब्ज और बवासीर का होता है नाशकब्ज और बवासीर का समस्या किसी व्यक्ति के शरीर में वात दोष के असंतुलन के कारण होती है। लहसुन के दूध के साथ सेवन से इन समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। लहसुन का दूध चिकना और भारी होता है, जो वात को शांत करने में मदद करता है, जो बदले में कब्ज और बवासीर को रोकने और उसका इलाज करने में मदद करता है।

 इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज में सहायककई आयुर्वेदिक ग्रंथों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के उपचार के रूप में लहसुन के दूध की सलाह दी जाती है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने पाया कि लहसुन में एक बायोएक्टिव घटक एस-एलिल सिस्टीन (एसएसी) नामक एंटीऑक्सिडेंट है, जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज में सहायक है। इसका अधिक फायदा डायबिटीज के मरीजों को होता है। 

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