Gargle and Spit COVID-19 test: इस तकनीक से बच्चों का कोरोना टेस्ट करना होगा आसान, आप खुद कर सकते हैं जांच, जानिये कैसे

By उस्मान | Published: September 24, 2020 09:16 AM2020-09-24T09:16:37+5:302020-09-24T09:16:37+5:30

कोरोना वायरस की जांच : बच्चों की कोरोना जांच करने के लिए इससे आसान तरीका कुछ नहीं

Gargle and Spit COVID-19 test: What is the gargle and spit COVID-19 test and How does test, benefits of gargle and spit test in Hindi | Gargle and Spit COVID-19 test: इस तकनीक से बच्चों का कोरोना टेस्ट करना होगा आसान, आप खुद कर सकते हैं जांच, जानिये कैसे

कोरोना वायरस की जांच

Highlightsकनाडा में स्कूल शुरू की गई यह खास तकनीकयह टेस्ट छोटे बच्चों के लिए अधिक आरामदायक हैबच्चों को नमूना लेने से पहले उन्हें खाने-पीने से बचना चाहिए

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस घातक वायरस से दुनियाभर में 32,094,034 लोग संक्रमित हो गए हैं और 981,962 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच कनाडा में स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए कोरोना वायरस की जांच के लिए एक नया तरीका इस्तेमाल किया जा रहा है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, कनाडा में अधिकारियों ने नियमित रूप से पीसीआर नेजल स्वैब के बजाय छोटे बच्चों के लिए 'गार्गल एंड स्पिट कोविड-19 टेस्ट' शुरू किया है। इससे बिना किसी तकलीफ के बच्चों का टेस्ट करने में आसानी होगी। चलिए जानते हैं कि यह तकनीक क्या है और इससे कोरोना से निपटने में कैसे मदद मिल सकती है। 

'गार्गल एंड स्पिट टेस्ट' कैसे काम करता है

इस तकनीक में बच्चों को पानी दिया जाता है और उन्हें अच्छी तरह गरारे करने को कहा जाता है। इसके बाद उस पानी को एक छोटी ट्यूब में रखा जाता है। बच्चों को कम से कम 30 सेकंड के लिए गरारे करने की आवश्यकता होती है ताकि कोरोना के लक्षण दिखाने के लिए पर्याप्त ऊतक नमूने हों।

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ब्रिटिश कोलंबिया सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार, 'गार्गल एंड स्पिट टेस्ट' पीसीआर नेजल स्वैब की तरह सटीक। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह टेस्ट छोटे बच्चों के लिए अधिक आरामदायक है।

'गार्गल एंड स्पिट टेस्ट' कराने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

अधिकारियों के अनुसार, यह सुनिश्चित करने के लिए कि नमूना सही हो, इसलिए बच्चों को नमूना लेने से पहले वे कुछ खाना या पीना नहीं चाहिए। उन्हें अपने दांतों को ब्रश करने से भी बचना चाहिए। इसके अलावा नमकीन घोल से गरारे करने से पहले माउथवॉश या च्यूइंगम का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। अगर कोई बच्चा इस तकनीक को सही तरह नहीं कर पा रहा है, तो उसका नेजल स्वैब लिया जा सकता है।

'गार्गल एंड स्पिट टेस्ट' के लाभ

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच टेस्ट करने वालों पर भार पड़ा है। इस स्थिति में इस तकनीक से बोझ को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा इससे कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है। अब धीरे-धीरे फिर से स्कूल खुलने लगे हैं। इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे किसी विशेषज्ञ या स्वास्थ्य पेशेवर के बिना किया जा सकता है। 

भारत में कोरोना के मामले 57 लाख पार 

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में 83,347 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की कुल संख्या 56 लाख से अधिक हो गई, जिनमें से 45 लाख से अधिक लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में मरीजों के ठीक होने की दर 81.25 प्रतिशत हो गई है। 

कोरोना वायरस को रोकने के उपाय

इस बात से चिंतित नीति आयोग के सदस्य और कोरोना राष्ट्रीय टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉक्टर वीके पॉल ने कहा है कि कोरोना काल में अगले दो माह ज्यादा सतर्कता वाले हैं। देखने में आ रहा है कि लोग मास्क का इस्तेमाल कम कर रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है।

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ध्यान

उन्होंने कहा, 'मेरी देशवासियों से अपील है कि वह खुद भी मास्क पहनें और लोगों को भी मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें। अगले माह से त्योहार शुरू हो रहे हैं। ऐसे में लोगों से अपील है कि सामाजिक दूरी के नियमों का पालन जरूरी करें वरना जरा सी चूक बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है।

Web Title: Gargle and Spit COVID-19 test: What is the gargle and spit COVID-19 test and How does test, benefits of gargle and spit test in Hindi

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