फैटी लीवर रोग (Fatty liver disease) एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण आपके लीवर में चर्बी जमा हो जाती है। लीवर डिजीज दो तरह की होती है अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज और नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज। इन दोनों स्थिति में आपका पेट बहुत प्रभावित हो सकता है।
अगर लीवर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है तो यह जानलेवा स्थिति हो सकती है। पेट में दर्द या पेट में सूजन महसूस होना फैटी लीवर की बीमारी के आपके जोखिम का संकेत हो सकता है।
फैटी लीवर कैसे होता है?इस स्थिति में लीवर में फैट जिसे हम हिंदी में वसा या चर्बी कहते हैं का जमाव हो जाता है। इसका कारण हैं शराब का सेवन, अनावश्यक दवाइयों का सेवन, कुछ तरह के वायरस इनफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस सी। परंतु आज के दौर में इसका प्रमुख कारण हमारी अनियंत्रित लाइफस्टाइल और इससे जुड़ी बीमारियां है।
फैटी लीवर डिजीज के लक्षणपेट से संबंधित फैटी लीवर रोग के शुरुआती लक्षणों में भूख में कमी, या कमजोर महसूस करना, या खून की उल्टी शामिल हो सकती है। आंत में रक्तस्राव हो सकता है, या यकृत कैंसर हो सकता है।
सिरोसिस होने तक लीवर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है और लीवर फेल होने से आपकी मौत हो सकती है। जिन लोगों को लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत है, उनके ऑपरेशन के लिए तभी विचार किया जाएगा जब आप 'कम से कम तीन महीने' तक शराब नहीं पीते हैं।
फैटी लीवर डिजीज का इलाज और बचाववर्तमान में, फैटी लीवर के इलाज के लिए कोई दवा नहीं है। प्रारंभिक फैटी लिवर आमतौर पर आहार परिवर्तन, वजन घटाने, व्यायाम और डायबिटीज जैसे खतरे के कारकों के नियंत्रण से आसानी से उलट जाता है।
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, स्वस्थ वजन पर रहना, शराब का सेवन सीमित करना और दवाएं लेना रोग को रोकने के लिए आवश्यक हैं। इंसुलिन रेसिस्टेंट और हाई ब्लड शुगर फैटी लीवर रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
चूंकि एनएएफएलडी ज्यादातर मामलों में कोई लक्षण नहीं पैदा करता है, यह अक्सर चिकित्सकीय ध्यान में आता है जब अन्य कारणों से किए गए परीक्षण यकृत की समस्या को इंगित करते हैं।
यदि आप एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रतिबद्ध हैं तो फैटी लीवर रोग काफी हद तक रोके जाने योग्य स्थिति है। मेयो क्लिनिक के अनुसार, स्वस्थ आहार लेना इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका है. आपको खाने में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा वाली चीजों को शामिल करना चाहिए।
क्या फैटी लीवर में चावल खा सकते हैं?फैटी लीवर की समस्या से जूझ रहे मरीजों को चावल के साथ ही गेहूं की रोटी और ब्रेड से परहेज करना चाहिए। इनमें कार्बोहाइड्रेट होता है, जिससे लिवर को नुकसान होने आशंका रहती है।