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सावधान! बार-बार डकार आना खतरे का संकेत, जिम्मेदार हो सकती हैं ये 5 बीमारियां

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 6, 2019 14:18 IST

अगर भोजन के समय बार-बार डकार आ रही है तो समझ जाये कि आप ने खाने के समय ज्यादा हवा निगल ली है। जैसे ही खाने के साथ हवा निगलते हैं, वैसे ही डकार के जरिये हवा निकलती है।

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डकार को आमतौर पर एक साधारण माना जाता है, जिसमें लोगों को मानना है डकार से भोजन हजम होता है। यह प्रक्रिया पेट की गैस बाहर निकालने के लिये की जाती है, जिसे एक प्राकृतिक तरीका माना जाता हैं। अगर भोजन के समय बार-बार डकार आ रही है तो समझ जाये कि आप ने खाने के समय ज्यादा हवा निगल ली है। जैसे ही खाने के साथ हवा निगलते हैं, वैसे ही डकार के जरिये हवा निकलती है। अगर भोजन करते समय या बाद में डकार न आये तो पेट में दर्द और गैस बनने लगती हैं और ज्यादा डकार से शरीर में बीमारियां पनपने लगती हैं।

1) बदहज्मी या कब्ज

अगर आपको ज्यादा डकार आती है तो पेट में कब्ज भी हो सकती हैं। इस समस्या से निपटने के लिये अपने खाने में ईसबगोल और ज्यादा से ज्यादा फाइबर वाली चीजें लें। ज्यादा डकार आने का मतलब है की आपका हाजमा खराब हैं और आपको बदहजमी है, जिससे आपको पेट में दर्द भी हो सकता हैं।

2) ऐरोफेजिया

हम खाना खाते समय ज्यादा हवा पेट में निगल जाते हैं और उसके बाद डकारें आने लगती हैं, जिसे हम ऐरोफेजिया कहते हैं।  खाना खाते समय हवा पेट में चले जाने से अकसर ऐरोफेजिया की स्थिति पैदा हो जाती है। अगर आपको ऐरोफेजिया की समस्या से बचना हैं तो भोजन करते समय छोटे निवाले लें। खाना खाते समय मुंह बंद रखें और धीरे-धीरे खाने को चबा कर निगलें।

3) गैस्ट्रोसोफेजिअल रिफ्लक्स डिज़ीज़

इस बीमारी में आंतों में जलन होने लगती है और फूड पाइप में एसिड बनने लगता है। गैस्ट्रोसोफेजिअल रिफ्लक्स डिज़ीज़ से बचाव के लिए खानपान और जीवनशैली में कई सकारात्मक व स्वस्थ बदलाव करने की जरूरत होती है। कई बार गैस्ट्रोसोफेजिअल रिफ्लक्स डिज़ीज़ (जीइआरडी) या सीने में तेज जलन के कारण भी ज्यादा डकार आती हैं।

4) इरिटेबल बाउल सिंड्रोम

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम रोग का एक बड़ा लक्षण बहुत ज्यादा डकार आना भी होता है, लेकिन इरिटेबल बाउल सिंड्रोम का अभी तक कोई पक्का इलाज नहीं मिल पाया हैं। इस समस्या के अलावा पेप्टिक अल्सर के कारण भी ज्यादा डकारे आ सकती हैँ। जब आपके पाचन तंत्र को पेट की गैस से और एच.पायलोरी नामक बैक्टीरिया से नुकसान पहुंचता है तो डकार आने लगती हैं। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम होने पर रोगी को  पेट दर्द,  मरोड़, दस्त व कब्ज आदि रोग की समस्या हो सकती हैं।

5) डिप्रेशन

डिप्रेशन कई समस्याओं के कारण होता है। कई अध्ययनों से भी पता चला है कि लगभग 65 प्रतिशत मामलों में मूड में बड़ा बदलाव या तनाव का बढ़ना ज्यादातर डकार आने का कारण बनता है।  डिप्रेशन से हमारे पेट पर भी असर पड़ता है।

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