डी आर कांगो में Ebola Virus से 1000 से ज्यादा लोगों की मौत, जानें खतरनाक वायरस के लक्षण, कारण, बचने के तरीके
By उस्मान | Published: May 4, 2019 01:03 PM2019-05-04T13:03:24+5:302019-05-04T13:03:24+5:30
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डी आर कांगो) में इबोला बीमारी (Ebola Virus Disease) के कारण 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों की ओर से दी गई इस जानकारी के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों ने आगाह किया है कि अशांत क्षेत्र में असुरक्षा के भाव की वजह से यह बेहद संक्रामक विषाणु “गहरी चिंता की स्थिति” उत्पन्न कर रहा है। रिकॉर्ड के मुताबिक यह महामारी दूसरे सबसे भयावह प्रकोप का रूप ले चुकी है। इससे पहले इस महामारी के चलते 2014 से 2016 के दौरान पश्चिम अफ्रीका में 11,300 से अधिक मौतें हुईं थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुरुआत में उम्मीद जताई थी कि वह इस प्रकोप को रोक सकता है। इस दावे के लिए एक नये टीके को आधार बनाया गया था। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारियों ने माना है कि असुरक्षा, वित्तीय संसाधनों का अभाव और स्थानीय राजनीतिकों की तरफ से लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ करने से इसे रोकने के प्रयास गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
इबोला क्या है (What is Ebola Virus Disease)
इबोला एक घातक वायरस है जो बुखार, शरीर में दर्द और दस्त का कारण बनता है। इसकी वजह से कभी-कभी शरीर के अंदर और बाहर रक्तस्राव भी हो सकता है। जैसे ही वायरस शरीर में फैलता है, यह प्रतिरक्षा प्रणाली और अंगों को नुकसान पहुंचाता है। अंततः, यह रक्त के थक्के बनाने वाली कोशिकाओं के स्तर को गिरा देता है। इससे गंभीर, बेकाबू रक्तस्राव होता है। इस बीमारी को इबोला रक्तस्रावी बुखार के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब इसे इबोला वायरस कहा जाता है। webmd के अनुसार, इस वायरस से पीड़ित लगभग 90 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है।
इबोला के कारण (Causes of Ebola Virus Disease)
इबोला सर्दी, इन्फ्लूएंजा या खसरे जैसा आम वायरस नहीं है। यह बंदर, चिंपांजी या फ्रूट बैट आदि संक्रमित जानवर की त्वचा या शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से लोगों में फैलता है। फिर यह उसी तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की ओर बढ़ता है। यह उनमें भी फैल सकता है, जो किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल करते हैं या किसी ऐसे व्यक्ति को दफनाते हैं जिनकी इस बीमारी से मृत्यु हो गई है। इसके अलावा दूषित सुइयों या सतहों को छूने से भी यह वायरस फैल सकता है।
इबोला के लक्षण (Symptoms of Ebola Virus Disease)
इबोला वायरस की चपेट में आने से आपको 2 से 21 दिनों तक फ्लू जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इनमें तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में दर्द, दुर्बलता, पेट दर्द और भूख की कमी आदि शामिल हैं। जैसे-जैसे यह बढ़ता है, शरीर के अंदर रक्तस्राव का कारण बनता है, साथ ही आंख, कान और नाक से भी खून आ सकता है। कुछ लोगों को खून की उल्टी या खांसी में खून, खूनी दस्त जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।
आप इबोला को कैसे रोक सकते हैं (How Can You Prevent Ebola)
इबोला को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है। बीमारी को पकड़ने से बचने का सबसे अच्छा तरीका उन क्षेत्रों की यात्रा नहीं करना है जहां वायरस पाया जाता है। ऐसे क्षेत्रों में खासकर आपको चमगादड़, बंदर, चिंपांज़ी और गोरिल्ला के संपर्क से बचें क्योंकि ये जानवर इबोला को लोगों में फैलाते हैं। इसके अलावा मरीज के इलाज के दौरान डॉक्टर मास्क, दस्ताने और काला चश्मा जरूर पहनें।