अगर पिछले कुछ दिनों में आपके अपने पैरों की उंगलियों, तलवों या पैर के ऊपर बैंगनी रंग के घाव, फोड़े या निशान दिखाई दिए हैं, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि संभव है यह कोरोना वायरस के लक्षण हों। कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों के पैरों में इस तरह के घाव देखने को मिले हैं और संभव है यह कोरोना वायरस की वजह से हुए हैं।
फर्स्टपोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, आमतौर पर ऐसे लक्षण चिकनपॉक्स या खसरा के मरीजों में देखे जाते हैं क्योंकि यह दोनों बीमारियां वायरस की वजह से होती है और इनके लक्षणों में त्वचा पर रैशेष और घाव होना शामिल हैं।
डॉक्टरों ने पाया है कि स्पेन, फ्रांस और इटली में कोरोना वायरस के कुछ रोगियों को बुखार और खांसी जैसे लक्षणों की शुरुआत से पहले ये घाव मिले थे, लेकिन अभी तक वैज्ञानिकों द्वारा इन निष्कर्षों पर ध्यान नहीं दिया गया है।
कोरोना वायरस बहुत ज्यादा पुराना वायरस नहीं है और इसे सही तरह समझने के लिए डॉक्टर दिन-रात काम कर रहे हैं। पिछले महीने इसके कुछ नए लक्षण भी देखने को मिले थे जिसमें पिंक आईज और वायरल कंजंक्टिवाइटिस भी शामिल है जिसे अमेरिका में कुछ कोरोना वायरस रोगियों में देखा गया था।
बेचैनी और भ्रम साइंस अलर्ट के अनुसार, वाशिंगटन नर्सिंग होम की हालिया मामले की रिपोर्ट में, लगभग एक-तिहाई लोग कोरोना वायरस के मरीज पाए गए। इनमें से आधे लोगों में कोई लक्षण नहीं थे, और कुछ रोगियों में असामान्य लक्षण जैसे बेचैनी या भ्रम की स्थिति जैसे लक्षण पाए गए।
कभी-कभी ठंड लगना या मांसपेशियों में दर्द सर्दी, बदन दर्द फ्लू सहित कई बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं, लेकिन कोरोनो वायरस रोगियों में भी यह लक्षण पाए गए हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि ये लक्षण कितने प्रचलित हैं, लेकिन लगभग 11 प्रतिशत मरीजों में ऐसे लक्षण दिखे और 14 प्रतिशत में मांसपेशियों में दर्द की सूचना दी।
स्वाद और गंध नहीं समझ पाना
डॉक्टरों का कहना ही कि स्वाद और गंध नहीं समझ पाने या अहसास खो देने वाले लोगों को खुद को तत्काल प्रभाव से अलग कर लेना चाहिए। उन्हें तुरंत जांच करानी चाहिए बेशक उनमें कोई अन्य लक्षण हो या न हो। वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अध्ययन में साउथ कोरिया के 30 प्रतिशत यानी दो हजार रोगियों ने ऐसे अनुभव बताये हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, एक महिला जो संक्रमित थी, उसे बच्चे के डायपर की गंध महसूस नहीं हो रही थी। एक बावर्ची जो सभी मसलों के स्वाद को महसूस कर सकता है, उसे कढ़ी, लहसुन या भोजन का स्वाद नहीं महसूस हो रहा था। मेडिकल भाषा में इस समस्या को एनोस्मिया कहते हैं।
सिरदर्द या चक्कर आनासिरदर्द और चक्कर आना भी कोरोना वायरस के संकेत हो सकते हैं। द लांसेट के अध्ययन के अनुसार, कोरोना के लगभग 8 प्रतिशत रोगियों ने सिरदर्द की सूचना दी। कुछ मामलों में चक्कर आना भी बताया गया है। लगातार चक्कर आना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का संकेत हो सकता है।
नाक बहना कोरोना का नहीं, एलर्जी या सर्दी का अधिक संकेतडब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के पांच फीसदी से भी कम रोगी नाक बहना जैसा लक्षण अनुभव करते हैं। छींक आना तो कोरोना वायरस से बिल्कुल भी नहीं जुड़ा है। यदि आपको ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, तो यह बहुत अधिक संभावना है कि आप एलर्जी या सर्दी से पीड़ित हों। इसके अलावा गले में खराश कभी-कभी कोरोनो वायरस का लक्षण हो सकती है लेकिन यह भी सामान्य फ्लू या सर्दी का संकेत होता है।
कोरोना वायरस के आम लक्षण
डॉक्टर के अनुसार, 'कोरोना वायरस के लक्षण भी फ्लू के जैसे ही हैं। इस वायरस के सामान्य संकेत और लक्षणों में सांस संबंधी समस्याएं जैसे सांस में कमी, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, खांसी, नाक बहना आदि शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में, संक्रमण से निमोनिया, सेवेर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, किडनी फेलियर यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
कोरोना के इलाज के लिए अभी तक कोई दवा या स्थायी इलाज नहीं मिला है लेकिन डॉक्टर और वैज्ञानिक लगातार दवा खोज रहे हैं। कोरोना से बचने का तरीका केवल सुरक्षा है। यही वजह है कि तमाम देशों में लोगों को आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है क्योंकि यह वायरस से एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है।