कान का दर्द असहनीय होता है। मैल जमा होने, कान में फुंसी होना, बाहरी हिस्से में सूजन, पर्दे में सूजन सर्दी, सर्दी-जुकाम, या फिर किसी तरह की एलर्जी और इंफेक्शन के कारण कान का दर्द हो सकता है।
कानों में मैल जम जाने की वजह से, साइनस इंफेक्शन या फिर कैविटीज की वजह से कानों में दर्द की समस्या पैदा होती है। कान में दर्द काफी पीड़ादायक होता है और कभी-कभी दर्द की वजह से आपको बुखार का भी सामना करना पड़ सकता है।
कान का दर्द यदि रात में हो जाए तो दर्द सहन करना मुश्किल हो जाता है और आपका आराम हराम हो जाता है। अगर आपके पास कोई दवा नहीं है तो आप घर में मौजूद कुछ चीजों से तुरंत दर्द से राहत पा सकते हैं।
ऑलिव ऑयलअगर आपको कान में दर्द है और सहन कर पाना मुश्किल है तो ऑलिव आयल का इस्तेमाल आपको कान दर्द से तुरंत राहत दे सकता है। इसके लिए ऑलिव आयल को हल्का गर्म कर लें। इसकी दो से तीन बूंद कान में डालें या फिर कॉटन की बढ़ की मदद से तेल को कान में लगा लें।
प्याजप्याज एक ऐसी चीज है जो लगभग सभी घरों में उपलब्ध होती है। इसका एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण कान दर्द से आराम दिलाने में मददगार होता है। प्याज के रस को हल्का गर्म कर लीजिए। इस रस को कान में डालिए।
नीम और तुलसी की पत्तियां इन दोनों में ही एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। कान दर्द होने पर इन दोनों पतियों का इस्तेमाल बहुत ही फायदेमंद होता है। इन दोनों को ही इस्तेमाल करने का तरीका एक ही है। इसके लिए कुछ पतियों को हाथ से मसलकर उसका रस निकाल इसकी एक या दो बूंद कान में डालें। इससे कान दर्द से राहत मिलेगा।
अदरकअदरक केवल खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता है बल्कि इसके कई चिकित्सीय लाभ भी हैं। इसमें एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो दर्द को कम करने में मदद कर करते हैं। बस कान के बाहरी हिस्से के आसपास गर्म अदरक का रस लगायें। इसे सीधे कान में डालने से बचें।
मालिशदर्द से राहत पाने के लिए आप मसाज भी कर सकते हैं। इसके लिए चबाने वाली मांसपेशियों से शुरू करते हुए धीरे से दबाव डालकर कानों के पीछे, गर्दन को नीचे की ओर ले जाते हुए, और फिर सामने की ओर मालिश करें। इस तरह की मालिश कान के संक्रमण और अतिरिक्त तरल पदार्थ के कारण होने वाले दर्द को शांत करने में मदद कर सकती है, जिससे बेचैनी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
ठंडी और गर्म सिकाईदर्द से राहत के लिए ठंडी और गर्म सिकाई ली जा सकती है। गर्म और ठंडे पैड को 10-10 मिनट के लिए अपने कान पर रखें। इस पद्धति का उपयोग वयस्कों और बच्चों में किया जा सकता है। बच्चों के कानों पर सीधे बर्फ लगाने से बचना चाहिए। हीटिंग पैड की गर्मी को बहुत अधिक नहीं रखना चाहिए।