निषिद्ध क्षेत्र बदलते रहते हैं, नमूने का आकार बहुत छोटा था: आईसीएमआर

By भाषा | Published: September 24, 2020 01:35 PM2020-09-24T13:35:46+5:302020-09-24T13:35:46+5:30

निषिद्ध क्षेत्र दिन-प्रतिदिन और सप्ताहिक आधार पर बदलते रहते जिसकी वजह से सीरोसर्वे अध्ययन पत्र में शामिल नहीं किया गया

Dynamic Containment Zones, Small Sample Size: ICMR on Not Including Data in First Serosurvey Study Paper | निषिद्ध क्षेत्र बदलते रहते हैं, नमूने का आकार बहुत छोटा था: आईसीएमआर

कोरोना वायरस

Highlightsकोविड-19 से अधिक प्रभावित 10 शहरों में निषिद्ध क्षेत्रों के निष्कर्षों को अध्ययन में शामिल नहीं किया गया निषिद्ध क्षेत्रों में नमूना एकत्रीकरण बहुत छोटे आकार का था

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) निदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड-19 से अधिक प्रभावित 10 शहरों में निषिद्ध क्षेत्रों से निष्कर्षों को पहले राष्ट्रीय सीरोसर्वे अध्ययन पत्र में शामिल नहीं किया गया है जिसका प्रकाशन हाल में किया गया है क्योंकि नमूने का आकार बहुत छोटा था और निषिद्ध क्षेत्र दिन-प्रतिदिन और सप्ताहिक आधार पर बदलते रहते हैं।

भार्गव की यह टिप्पणी मीडिया में आयी उन खबरों की पृष्ठभूमि में है जिसमें दावा किया गया था कि स्वास्थ्य अनुसंधानकर्ताओं को परोक्ष तौर पर आईसीएमआर के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कोविड-19 से अधिक प्रभावित 10 शहरों में निषिद्ध क्षेत्रों के निष्कर्षों को पहले राष्ट्रीय सीरोसर्वे अध्ययन पत्र में शामिल करने की इजाजत नहीं दी गई।

इस अध्ययन पत्र का प्रकाशन हाल में ‘इंडियन जर्नल आफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में हुआ है। आईसीएमआर ने कहा था कि दस शहरों में कोविड-19 संचरण का पता लगाने के लिए किये गए पिछले सीरोसेर्वे के निष्कर्षों को आगे की कार्रवाई के लिए राज्यों को सूचित कर दिया गया है।

भार्गव ने कहा कि संक्रमण का पता लगाने के लिए पहले और दूसरे राष्ट्रीय सीरोसर्वे में एक राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व था और नमूना संग्रहण उसके लिए किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस हिस्से को प्रकाशन में शामिल नहीं किया गया वह निषिद्ध क्षेत्रों का था क्योंकि ये दिन प्रतिदिन और साप्ताहिक आधार पर बदलते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही निषिद्ध क्षेत्रों में नमूना एकत्रीकरण बहुत छोटे आकार का था और उद्देश्य यह था कि उन बड़े शहरों में सीरोसर्वे की भावना को जागृत किया जाए तथा ऐसा प्रभावी तरीके से किया गया।’’ उन्होंने दिल्ली का उदाहरण दिया जहां जून, जुलाई और अगस्त में तीन सीरोसर्वे किये गए और परिणाम क्रमश: 22, 27 और 33 प्रतिशत थे।  

भारत में कोविड-19 के मामले 57 लाख के पार

भारत में कोविड-19 के मामले 57 लाख के पार हो गए हैं, वहीं 46 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं। देश में मरीजों के ठीक होने की दर 81.55 प्रतिशत हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार एक दिन में कोविड-19 के 86,508 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 57,32,518 हो गए हैं।

वहीं पिछले 24 घंटे में 1,129 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 91,149 हो गई। देश में अभी तक 46,74,987 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.59 प्रतिशत है।

आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 9,66,382 मरीजों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज जारी है, जो कुल मामलों को 16.86 प्रतिशत है। भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख के पार, 23 अगस्त को 30 लाख के पार, पांच सितम्बर को 40 लाख के पार और 16 सितम्बर को 50 लाख के पार चले गए थे।

Web Title: Dynamic Containment Zones, Small Sample Size: ICMR on Not Including Data in First Serosurvey Study Paper

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