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नहीं रहा कीजिए सिगरेट पीने वालों के साथ और न ही बैठा कीजिए स्‍मोकिंग करने वालों के पास, हो सकता है आपके लिए जानलेवा साबित-जानें बचाव का तरीका

By आजाद खान | Updated: October 30, 2022 16:55 IST

जानकारों की मानो तो स्‍मोकिंग करने वाले लोगों से दूर ही रहना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके स्‍मोक करने से उन लोगों पर भी बुरा असर पड़ता है जो स्‍मोकिंग नहीं करते है। ऐसे में बच्चे और बुढ़ें इससे ज्यादा प्रभावित होते है।

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ठळक मुद्देस्‍मोकिंग करने वाले और स्‍मोकिंर के आस-पास रहने वाले दोनों को नुकसान पहुंचाता है। स्‍मोकिंग बच्चे और बुढ़ों को ज्यादा प्रभावित करता है। इससे बच्चे और बुढ़ों के साथ जवानों को भी गंभीर बीमारियां हो सकती है।

Protection From Smoking Smoke: स्‍मोकिंग जिसे आप सिगरेट-बीड़ी आदि पीने के नाम से जानते है। स्‍मोकिंग करना अपने आप में बड़ा खतरा है और इससे कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती है। लेकिन उसका क्या जो स्‍मोकिंग करने वालों के पास या उनके साथ रहता है। 

जानकारों की माने तो जो लोग स्‍मोकिंग करने वालों के साथ या उनके पास रहते है, उन पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। उनका कहना है कि सिगरेट या बीड़ी का धुआं निकल कर स्‍मोकिंग करने वालों के फेफड़ों में चला जाता है जो उन पर बुरा प्रभाव डालता है। 

ऐसे में आइए जानते है कि स्‍मोकिंग करने वालों से कैसे पास या उनके साथ रह रहे लोगों पर असर पड़ता है और ऐसे में इससे बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए। 

सेकंड हैंड स्‍मोकिंग या पैसिव स्‍मोकिंग किसे कहा जाता है

जो लोग स्‍मोकिंग करते है और उनके पास जो लोग रहते है उन्हें सेकंड हैंड स्‍मोकिंग या पैसिव स्‍मोकिंग कहते है। ये ऐसे लोग होते है जो स्‍मोकिंग करने वालों के पास रहते है जिससे स्‍मोक की धुआं उनके फेफड़ों तक जाती है और वे भी गंभीर रूप से बीमार पड़ते है। इन लोगों को सेकंड हैंड स्‍मोकिंग या पैसिव स्‍मोकिंग कहते है। 

बताया जाता है कि स्‍मोकिंग के अकसर शिकार बुढ़े और बुजुर्ग होते है। ऐसे में आए जानते है इन बुढ़े और बच्चे सेकंड हैंड स्‍मोकिंग या पैसिव स्‍मोकिंग को स्‍मोकिंग के खतरनाक धुंआ से कैसे बचाया जा सकता है। आइए इस बारे में जानकारी हासिल कर लेते है। 

ऐसे करें स्‍मोकिंग से अपना बचाव

सेकंड हैंड स्‍मोकिंग या पैसिव स्‍मोकिंग वालों लोगों को यह सलाह दी जाती है कि आप इन स्‍मोकिंग करने वालों से दूर रहे। माई क्‍लीवलैंड क्‍नीनिक की अगर माने तो जो लोग स्‍मोकिंग नहीं करते है उन्हें इन स्‍मोकिंर से दूर रहना चाहिए। ऐसा इसलिए कि जब आप इनसे दूरी बना लेंगे तब आप इससे बच सकते है और ऐसे में आपके फेफड़े भी बच जाएंगे। 

माई क्‍लीवलैंड क्‍नीनिक ने सुझाव देते हुए कहा कि आप हमेशा स्‍मोक फ्री एरिये में रहा कीजिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जब स्‍मोक फ्री एरिये में रहेंगे तो आप के फेफड़े में स्‍मोक नहीं जाएगा जिससे आप और आपका फेफड़ा फिट रह सकता है। 

जो लोग स्‍मोक के धुएं से बचना चाहते है, उन्हें मास्क का भी इस्तेमाल करना चाहिए। मास्क ऐसे लोगों के लिए काफी फायदेमंद होता है जिससे उनका फेफड़ा भी स्वस्थ रहता है। इस हालत में मास्क एक अच्छा उपाय है खासकर बच्चे और बुढ़ों के लिए। 

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)

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