चिकित्सकों के प्रति टूटने न पाए विश्वास: राजेश कुमार यादव
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 1, 2018 06:30 AM2018-07-01T06:30:40+5:302018-07-01T06:30:40+5:30
स्वास्थ्य लाभ में चिकित्सक के प्रति विश्वास भी जरूरी होता है। वर्तमान में डॉक्टरी ही एक ऐसा पेशा है, जिस पर लोग विश्वास करते हैं। इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी डॉक्टरों पर है। चिकित्सक की हमारे जीवन में क्या उपयोगिता है, यह किसी से छिपा नहीं है। अक्सर जब हम बीमार होते हैं तो डॉक्टर की याद आती है।
‘जब तक भारत के लोग शरीर और मन से स्वस्थ और सशक्त नहीं होंगे तब तक स्वराज स्वप्न ही रहेगा।’ इस बात को आम भारतीयों को समझाने वाले तथा भारतरत्न से विभूषित डॉ। विधान चंद्र रॉय के जन्मदिन 1 जुलाई को संपूर्ण चिकित्सीय पेशे के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में यह हमारे दैनिक जीवन में डॉक्टर की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर और सेवा में समर्पित लाखों डॉक्टरों को सम्मान देने का एक मौका भी है।
स्वास्थ्य लाभ में चिकित्सक के प्रति विश्वास भी जरूरी होता है। वर्तमान में डॉक्टरी ही एक ऐसा पेशा है, जिस पर लोग विश्वास करते हैं। इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी डॉक्टरों पर है। चिकित्सक की हमारे जीवन में क्या उपयोगिता है, यह किसी से छिपा नहीं है। अक्सर जब हम बीमार होते हैं तो डॉक्टर की याद आती है।
कई बार लोगों की जान बचाने के लिए डॉक्टर को भगवान तक कहा जाता है। चिकित्सक होना सिर्फ एक काम नहीं है, बल्कि चुनौतीपूर्ण वचनबद्धता है। यदि डॉ। रॉय इतना सम्मान अर्जित कर पाए तो इसमें उनके हुनर के साथ-साथ उन पर मरीजों के विश्वास का भी योगदान रहा, जो उनके पास ठीक होने की उम्मीद लिए आते थे।
तेजी से भागती दुनिया, जिसका तेजी से व्यवसायीकरण हो रहा है, उसमें डॉक्टरों के लिए भी यह जरूरी है कि वे अपनी सत्यनिष्ठा को बनाए रखें और अपनी शिक्षा, कौशल और विशेषज्ञता का उपयोग गरीब से भी गरीब की मदद करने और जरूरतमंदों को बचाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए करें। सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं, जिनका उद्देश्य निचले स्तर के लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना है।
गरीब हो या अमीर, सबकी जान कीमती है। निजी व कॉर्पोरेट अस्पतालों को इसका ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है। एमसीआई के नियम 1।2।1 के अनुसार, चिकित्सक का दायित्व बनता है कि मरीज की मन से देखभाल करे और पूरी सेवा प्रदान करे। मरीज अपने चिकित्सक में जो भरोसा दिखाता है उससे वो चिकित्सक हमेशा उस मरीज को सही चिकित्सा देने के लिए बाध्य हो जाता है।
वास्तव में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की शुरु आत उन लोगों को सम्मान देने के लिए हुई थी, जो नि:स्वार्थ भाव से लोगों का जीवन बचाने के लिए सेवा कर रहे हैं। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस डॉक्टरों के लिए भी एक मौका है कि वे अपने अंतर्मन में झांकें, अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समङों।