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सावधान! ऐसे लोग गलती से भी न खायें उड़द की दाल, वरना जीवनभर होगा पछतावा

By उस्मान | Updated: April 29, 2019 17:55 IST

Healthy Diet tips in Hindi: पौष्टिक गुणों से भरपूर उड़द हमें कई प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाती है। लेकिन यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो नुकसान भी पहुंचा सकती है। गुर्दे के पत्‍थर से ग्रसित लोगों द्वारा उड़द की दाल का बहुत ही कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।

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उड़द की दाल सबसे पौष्टिक दालों में से एक है। इस दाल खाना पकाने से और आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। दोनों तरह से उपयोग किए जाने पर समान रूप से फायदेमंद है। इससे आपको अनगिनत स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह आपके पाचन में सुधार कर सकती है क्योंकि यह फाइबर से भरी होती है। इसका उपयोग कब्ज और दस्त दोनों से निपटने के लिए किया जा सकता है। 

यह आपके अंगों को अधिक ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रदान करने में आपकी ऊर्जा को बढ़ाती है। यह आपके हड्डियों के खनिज घनत्व को बढ़ाता है, जिससे आपकी हड्डियां मजबूत और स्वस्थ बनती हैं। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है क्योंकि यह रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करती है। 

यह आपकी त्वचा के लिए भी बेहतर चीज है। इससे काले धब्बे, मुंहासे और निशान से लड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा इससे जोड़ों का दर्द कम करने, हृदय रोगों से बचने, शरीर को भीतर से साफ रखने जैसे कई लाभ मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दाल के कई नुकसान भी हैं, चलिए जानते हैं- 

पौष्टिक गुणों से भरपूर उड़द हमें कई प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाती है। लेकिन यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो नुकसान भी पहुंचा सकती है। गुर्दे के पत्‍थर से ग्रसित लोगों द्वारा उड़द की दाल का बहुत ही कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।

काली उड़द दाल का अधिक मात्रा में सेवन करने का सबसे बड़ा जोखिम यह है कि यह आपके रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ाती है। नतीजतन, यह गुर्दे में कैल्सीफिकेशन स्टोंस को उत्तेजित कर सकती है। 

गल्‍स्‍टोन या गठिया पीड़ित लोगों के लिए उड़द की अधिक मात्रा खतरा बढ़ा सकती है। इतना ही नहीं इससे पित्त की पथरी या गाउट भी हो सकता है।यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो उड़द की उचित खुराक के लिए अपने डॉक्‍टर से सलाह लेना फायदेमंद होगा।

डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपको किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से जूझना न पड़े।

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