डायबिटीज सबसे तेजी से बढ़ने वाली पुरानी बीमारी है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के आंकड़े कहते हैं कि वैश्विक स्तर पर लगभग 42.5 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, यह संख्या 2045 तक बढ़कर 62.9 करोड़ हो जाने की उम्मीद है। भारत में डायबिटीज लगभग 50 मिलियन रोगी हैं और वर्ष 2030 तक यह संख्या बढ़कर 79.4 मिलियन होने का अनुमान है।
त्वचा पर दिखने वाले डायबिटीज के लक्षण
पीले, लाल या भूरे रंग के पैचत्वचा पर पीले, लाल या भूरे रंग के पैच को नेक्रोबायोसिस लिपोइडिका कहा जाता है। इस स्थिति में त्वचा के ऊपर ठोस पैच होने लगते हैं। समय के साथ ये सख्त और सूजी हुई त्वचा के पैच में बदल जाते हैं। पैच के क्षेत्र की त्वचा में खुजली, चमकदार और छूने में दर्द होता है।
गहरे रंग की त्वचा पर मखमली एहसासआप अपनी गर्दन की त्वचा में इस प्रकार का अनुभव पा सकते हैं। इसके अलावा बगल, कमर या कहीं और भी हो सकते हैं। यह आपके रक्त में अतिरिक्त इंसुलिन की संभावित उपस्थिति का एक संकेत है। इस स्थिति को एसेंथोसिस नाइग्रिकन्स कहा जाता है और यह ज्यादातर उन लोगों में पाया जाता है जो प्री-डायबिटिक हैं।
फफोलेत्वचा पर छोटा या बड़ा छाला बनना भी डायबिटीज का लक्षण है। वे फूले हुए और पानी के तरल पदार्थ से भरे हुए लगते हैं। इनमें गंभीर जलन हो सकती है। इन्हें बुलोसिस डायबिटिकोरम कहा जाता है।
हालांकि छाले कई वजह से हो सकते हैं लेकिन डायबिटीज के कारण होने वाले छाले दर्दनाक नहीं होते। डायबिटीज के छाले अक्सर उन लोगों में विकसित होते हैं जो कई वर्षों तक अपने शुगर को सही ढंग से नियंत्रित नहीं करते हैं।
घाव जो ठीक होने में लंबा समय लेते हैंलंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा का स्तर खराब रक्त परिसंचरण और तंत्रिका क्षति का कारण बन सकता है। खराब रक्त परिसंचरण और क्षतिग्रस्त नसें आपके शरीर के लिए घावों को ठीक करना कठिन बना सकती हैं।
यदि आपके घावों को ठीक होने में अधिक समय लगता है, तो ध्यान दें और शुगर के अल्सर में बदलने से पहले इलाज कराएं। बहुत से लोग जिन्हें डायबिटीज है, उन्हें भी प्रतिरक्षा प्रणाली के सक्रिय होने में समस्या होती है।
पलकों पर और उसके आसपास पीले पपड़ीदार धब्बेरक्त में एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल या उच्च वसा के स्तर का निर्माण आंखों पर और उसके आसपास पीले पपड़ीदार पैच का कारण बन सकता है। अनियंत्रित शुगर xanthelasma नामक स्थिति पैदा कर सकता है, जो इस तरह के पैच का कारण भी बनता है। आपको लिपिड प्रोफाइल टेस्ट और एचबी1एसी टेस्ट करवाना चाहिए।