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डायबिटीज का 'काल' हैं भारत में मिलने वाले ये 5 पौधे, घर-घर में मिलता है तीसरा पौधा

By उस्मान | Updated: August 17, 2018 18:13 IST

इंडियन डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) के अनुसार भारत में लगभग 7.2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार विश्व में हर वर्ष डायबिटीज के कारण करीब 16 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं।

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डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है। खराब जीवनशैली के चलते यह बीमारी तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। इंडियन डायबिटीज फेडरेशन (आईडीएफ) के अनुसार भारत में लगभग 7.2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार विश्व में हर वर्ष डायबिटीज के कारण करीब 16 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। डबल्यूएचओ का दावा है कि 2030 तक डायबिटीज दुनिया की 7वी सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी बन जाएगी। डायबिटीज के रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी, लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। केवल बेहतर जीवनशैली, खानपान और एक्सरसाइज के जरिए ही इसे कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आप डायबिटीज के शिकार हैं, तो आपको इन पांच पौधों का इस्तेमाल करना चाहिए। 

1) आम  आम का नाम सुनते ही तो हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। आम के स्‍वाद का हर कोई दीवाना होता है। आपने आम के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन क्‍या आम के पत्‍तों के फायदे भी जानते हैं। जी हां, आज हम आपको आम के पत्‍तों से होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे। आम के पत्‍ते डायबिटीज रोगियों के लिए रामबाण इलाज माना जाता है। यह विटामिन सी, बी और ए से समृद्ध होते हैं। इसके अलावा भी कई अन्य पोषक तत्‍व पाए जाते हैं। आम पत्‍तों में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं क्योंकि उनके पास फ्लैवोनोइड्स और फिनोल की उच्च मात्रा होती है। डायबिटीज के इलाज के लिए आम के पत्‍ते बहुत उपयोगी होते हैं। इसमें एंथोसाइनिडिन नामक टैनिन होते हैं, जो प्रारंभिक डायबिटीज के इलाज में मदद करते हैं। यह मधुमेह एंजियोपैथी और डायबिटीज रेटिनोपैथी के इलाज में भी मदद करता है। इस उद्देश्य के लिए आम के पत्‍तों की चाय बनाई जाती है, जिसके सेवन से आप शुगर से छुटाकारा पा सकते हैं।

2) लहसुन लहसुन के गुणों के बारे में कौन नहीं जानता। ये अपने आप में ही एक लाजवाब औषधि है। लहसुन एंटिऑक्सीडेंट होने के साथ-साथ एक किस्म का ब्लड प्यूरीफायर है। जो हमारे खून को तो साफ रखता ही है साथ ही हाथ पैरों और जोड़ों के दर्द से भी निजात दिलाता है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि लहसुन के इस्तेमाल से कैंसर जैसी बीमारी को भी कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज में लहसुन के नियमित सेवन से ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहता है। लहसुन उन हार्मोन्स का निर्माण करता है जो शरीर में शुगर को निंयत्रिंत करता है।

3) नीम नीम एक ऐसा पौधा या पेड़ है लगभग पूरे भारत में पाया जाता है। नीम का पेड़ करीब 30 से 35 फीट ऊंचा होता है और इसका हर हिस्सा चिकित्सकिय गुणों से लबरेज होता है। नीम चिरकाल से भारत और चीन की औषधियों का अभिन्न हिस्सा रहा है। नीम के पेड़ की पत्ती, फूल, बीज, फल, जड़ और छाल सब किसी ना किसी प्रकार से औषधिक प्रयोग में लाए जाते हैं। इंफेक्शन, सूजन, फीवर, चर्म रोग या दांतों की कोई परेशानी हो सारे रोगों में नीम का प्रयोग किया जाता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार नीम डायबिटीज को काबू करने में भी सहायक है। इंडियन जनरल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फारमाकोलोजी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार नीम कई सारे रोगों के आगमन को रोकने या विलंबित करने में कारगर होता है।

4) करेला करेले का प्रयोग एक नैचुरल स्टेरॉयड के रुप में किया जाता है क्‍योंकि इसमें कैरेटिन नामक रसायन होता है जिसका सेवन करने से खून में शुगर का स्‍तर नियंत्रित रहता है। करेले में मौजूद ओलिओनिक एसिड ग्‍लूकोसाइड, शुगर को खून में ना घुलने देने की क्षमता रखता है। यह शुगर लेवल को संतुलित करता है और अग्‍नाशय को इंसुलिन द्वारा अवशोषित होने से रोकता है। करेला इसलिए भी मधुमेह के रोकथाम के लिए जरुरी है क्‍योंकि यह एक साथ शुगर को इकट्ठा कर लेता है और सीधे रक्‍तधारा में बहाता है। इससे शरीर को बिना शुगर के लेवल को बढ़ाए ब्रेक डाउन करने में मदद मिलती है। 

5) जामुनजामुन का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। आपको बता दें की जामुन जितना टेस्टी फल है, उतने ही इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन एक बेहतर चीज है। केवल जामुन ही नहीं, जामुन के बीज का पाउडर भी उतना ही फायदेमंद होता है। जामुन के बीज का विभिन्न वैकल्पिक उपचारों में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में डायबिटीज कंट्रोल करने, यूनानी और चीन की दवाओं में पाचन संबंधी रोगों के लिए जामुन के बीजों का उपयोग किया जाता है। इसके पत्तों और छाल का ब्लड शुगर और मसूड़ों की सूजन जिन्जवाइटिस को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह विटामिन ए और सी का बेहतर स्रोत है। जामुन के बीज का पाउडर बनाने के दो तरीके हैं। पहला, बीजों को धूप में सुखाकर पाउडर बनाना और दूसरा बीजों को भूनकर पाउडर बनाना।

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