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यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में कोविड-19 का प्रमुख वेरिएंट बना डेल्टा, डब्ल्यूएचओ ने चेताया, अमेरिका में 83 फीसद नए मामलों का है कारण

By अभिषेक पारीक | Updated: July 26, 2021 21:19 IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को चेतावनी दी कि डेल्टा वेरिएंट अब यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में कोविड -19 का प्रमुख वेरिएंट है।

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ठळक मुद्देडब्ल्यूएचओ ने चेताया कि डेल्टा वेरिएंट यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में कोविड -19 का प्रमुख वेरिएंट है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट के प्रसार को रोकने के प्रयासों को मजबूत किया जाना चाहिए।अमेरिका में सभी नए कोविड -19 संक्रमणों में डेल्टा वेरिएंट की हिस्सेदारी करीब 83 फीसद है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को चेतावनी दी कि डेल्टा वेरिएंट अब यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में कोविड -19 का प्रमुख वेरिएंट है। यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) के साथ डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि डेल्टा वेरिएंट के प्रसार को रोकने के प्रयासों को मजबूत किया जाना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ के यूरोपीय क्षेत्रीय कार्यालय के मुताबिक, 28 जून और 11 जुलाई के बीच की अवधि के आंकड़े से पता चलता है कि डेल्टा 28 यूरोपीय देशों में से कम से कम 19 में सार्स-सीओवी-2 का प्रमुख रूप था। इन 19 देशों में जेनेटिक सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए नमूनों में पाए गए डेल्टा वेरिएंट का औसत अनुपात 68.3 फीसद था। इसकी तुलना में, पहले का प्रमुख अल्फा संस्करण केवल 22.3 फीसद नमूनों में पाया गया था।

यह आंकड़ा बताता है कि डेल्टा वेरिएंट अब अधिकांश यूरोप में कोविड -19 के प्रमुख वेरिएंट के रूप में अल्फा से आगे निकल चुका है। वहीं विशेषज्ञों ने पहले ही लगभग सभी यूरोपीय देशों में अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट के पहुंचने की पुष्टि कर चुके हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में सभी नए कोविड -19 संक्रमणों में डेल्टा वेरिएंट का  83 फीसद हिस्सा है। यदि यह ट्रेंड जारी रहता है तो आगामी कुछ हफ्तों में डेल्टा वेरिएंट सार्स-सीओवी-2 के वैश्विक संस्करण के रूप में उभर कर सामने आएगा। 

बता दें कि साल 2020 के अक्टूबर में डेल्टा वेरिएंट का भारत में पता चला था। इसे देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जाता है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट शेरोन पिकॉक का कहना है कि इस वक्त दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा सिर्फ डेल्टज्ञ वायरस है। 

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