दक्षिण अफ्रीका में इस सप्ताह की शुरुआत में कोराना वायरस का नया स्वरूप ‘बी.1.1.529’ सामने आने के बाद ब्रिटेन ने शुक्रवार को छह अफ्रीकी देशों को अपनी यात्रा प्रतिबंध सूची में शामिल कर लिया। भारत में इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है और अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग पर जोर दिया है।
वायरस के नए स्वरूप को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अत्यधिक संक्रामक और घातक करार दिया है जो मनुष्य के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने में सक्षम है।
ब्रिटेन की यात्रा प्रतिबंध सूची में शामिल किए गए इन अफ्रीकी देशों में दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, ज़िम्बाब्वे और बोत्सवाना, लेसोथो और इस्वातिनी शामिल हैं। शुक्रवार दोपहर से इन देशों से उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित हो जाएंगी।
हालांकि, घोषित प्रोटोकॉल के अनुसार, इन छह दक्षिणी अफ्रीकी देशों से शुक्रवार को ब्रिटेन पहुंचने वाले यात्रियों को सरकार द्वारा चिह्नित एक होटल में 10 दिन के पृथक-वास में रहना होगा। वायरस का सबसे नया स्वरूप अब तक सामने आए सभी स्वरूपों में सर्वाधिक उत्परिवर्तन वाला है।
इजराइल में कोरोना वायरस के नये स्वरूप का पहला मामला सामने आयाइजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मलावी से लौटे एक यात्री में कोरोना वायरस के नये स्वरूप से संक्रमण का मामला सामने आया है। यह नये स्वरूप (कोरोना वायरस में बदलाव के बाद उसका नया स्वरूप) से संक्रमण का देश में पहला मामला है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में शुक्रवार को बताया कि यात्री और दो अन्य संदिग्ध संक्रमितों को पृथकवास में रखा गया है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया स्वरूप सामने आया है, जिसके बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बहुत ज्यादा संक्रामक है और इसी के कारण गावतेंग (देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रांत) में युवाओं के बीच तेजी से संक्रमण फैला है।
कोरोना के गंभीर लक्षणों वाले मामले बढ़ सकते हैंइस नए स्वरूप के सामने आने के बाद वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वायरस के नए स्वरूपों की संख्या बढ़ सकती है जो टीका के प्रति अधिक प्रतिरोधी हो सकते हैं और उनके प्रसार की दर और अधिक हो सकती है व कोविड-19 के गंभीर लक्षण वाले मामलों में वृद्धि हो सकती है।
पूरी तरह से टीका लगवा चुके लोगों में मिला नया स्ट्रेनवैज्ञानिकों ने कोरोना के जिस नए स्ट्रेन की पहचान की है, वह पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में मिला है। यही वजह है कि वैज्ञानिक और डब्ल्यूएचओ इसे लेकर चिंतित है.
आपात बैठक करेगा डब्ल्यूएचओ दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए स्वरूप बी.1.1.529 पर नजर रखे हुए है और शुक्रवार को ‘विशेष बैठक’ करेगा जिसमें विचार किया जाएगा कि बहुत अधिक बदलाव से पैदा हुए स्वरूप को ‘चिंतित करने वाले स्वरूप’ की सूची में डाला जाए या नहीं।
घातक और तेजी से फैलने वाला स्ट्रेनअबतक मिली जानकारी के मुताबिक यह स्वरूप सबसे अधिक बदलाव की वजह से उत्पन्न हुआ है। सबसे पहले इसकी पहचान इस हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में की गई थी और पहले ही बोत्सवाना सहित भारत के कई पड़ोसी देशों में फैल चुका है। वहां पता चला है कि वायरस का यह स्वरूप पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में मिला है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)