भारत के औषधि महानियंत्रक ने कोविड-19 के एक और टीके जाइडस केडिला को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। जाइडस केडिला की वैक्सीन के तीन डोज दिए जाएंगे।
इसे व्यस्कों सहित 12 साल की उम्र से अधिक के बच्चों को भी दिया जा सकता है। इसी के साथ भारत में छठे वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है।
बच्चों की वैक्सीन से जुड़ी खास बातें
1) कंपनी ने कहा है कि उसकी योजना सालाना 10 करोड़ से 12 करोड़ डोज बनाने की है। साथ ही कंपनी ने बताया कि उसने वैक्सीन को जमा करना शुरू भी कर दिया है।
2) इस वैक्सीन को कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड कंपनी ने बनाया है। कंपनी ने भारत में इस्तेमाल की मंजूरी के लिए 1 जुलाई को अप्लाई किया था। कंपनी के अनुसार वैक्सीन के अंतिम चरण के परीक्षण में देश भर में 28 हजार वॉलेंटियर्स ने हिस्सा लिया था और इसकी प्रभावी क्षमता 66.6 प्रतिशत रही थी।
3) दरअसल, ZyCoV-D कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है। यह वैक्सीन वायरस से आनुवंशिक सामग्री के एक हिस्से का उपयोग करता है जो डीएनए आ आरएनए के तौर पर खास प्रोटीन बनाता है। इसके बाद शरीर का इम्यून सिस्टम इसकी पहचान करता है और फिर प्रतिक्रिया करता है।
4) जाइडस कैडिला की वैक्सीन को बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर विकसित किया गया है। भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के बाद ये भारक में विकसीत दूसरी वैक्सीन है।
5) वैक्सीन निर्माता ने जुलाई में कहा था कि उसका COVID-19 वैक्सीन कोरोना वायरस के नए वेरिएंट पर भी प्रभावी है। खासकर इसके डेल्टा वेरिएंट पर प्रभावी होने की बात कही गई थी।
6) भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट ही मुख्य तौर पर जिम्मेदार था। इस वैक्सीन को पारंपरिक सिरींज से अलग सुई रहित एप्लीकेटर के जरिए शरीर में दिया जाएगा।
7) इससे पहले भारत में कोरोना वैक्सीन के तौर पर सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूस के स्पुतनिक-वी, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन को मंजूरी दी जा चुकी है।
8) जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ साझेदारी में विकसित Zydus Cadila का टीका, भारत बायोटेक के Covaxin के बाद भारत में आपातकालीन प्राधिकरण प्राप्त करने वाला दूसरा घरेलू टीका है।
9) दवा निर्माता ने जुलाई में कहा था कि उसका कोरोना वैक्सीन नए कोरोनावायरस म्यूटेंट, विशेष रूप से डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी था, और यह शॉट पारंपरिक सीरिंज के विपरीत सुई-मुक्त ऐप्लिकेटर का उपयोग करके प्रशासित किया जाता है।
10) कंपनी ने कहा कि उसकी सालाना ZyCoV-D की 100 मिलियन से 120 मिलियन खुराक बनाने की योजना है और उसने वैक्सीन का स्टॉक करना शुरू कर दिया है।