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दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों की चेतावनी, कोरोना से पीड़ित होने के बाद भी 'ओमीक्रोन' की चपेट में आ सकते हैं लोग

By उस्मान | Updated: December 4, 2021 08:45 IST

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दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जिन लोगों को कोविड-19 हो चुका है उन्हें, वायरस के नए स्वरूप 'ओमीक्रोन' से संक्रमित होने की आशंका, किसी और स्वरूप से संक्रमित होने की अपेक्षा अधिक है। 

अनुसंधानकर्ताओं का एक समूह दक्षिण अफ्रीका में दोबारा संक्रमित होने के मामलों का अध्ययन कर रहा है और उसने पता लगाया है कि ओमीक्रोन के आने के बाद से पुनः संक्रमित होने के मामलों में वृद्धि हुई है। 

ऐसा पहले सामने आए वायरस के प्रकारों, जिसमें डेल्टा भी शामिल है, नहीं देखा गया। यह नतीजे प्रारंभिक हैं और अभी तक इनकी वैज्ञानिक समीक्षा नहीं की गई है। अनुसंधानकर्ताओं ने यह नहीं बताया है कि दोबारा संक्रमण के कितने मामले ओमीक्रोन के हैं। यह भी नहीं कहा गया है कि ओमीक्रोन से संक्रमित हुए लोग गंभीर रूप से बीमार हुए या नहीं। 

अनुसंधानकर्ताओं में से एक, विटवाटर्सरैंड विश्वविद्यालय की ऐन वोन गोटबर्ग ने बृहस्पतिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक प्रेस वार्ता में कहा, 'पहले हुए संक्रमण से डेल्टा प्रकार से सुरक्षा मिलती थी, लेकिन ओमीक्रोन के साथ ऐसा नहीं है।'  

अध्ययन में टीकाकरण से मिली सुरक्षा के बारे में भी आंकड़े पेश नहीं किये गए हैं। वोन गोटबर्ग ने कहा, 'हम मानते हैं कि टीकाकरण से गंभीर रूप से बीमार होने से बचा जा सकता है।' 

डब्ल्यूएचओ ने बताए ओमीक्रोन से निपटने के उपाय 

पश्चिमी प्रशांत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने कहा है कि डेल्टा स्वरूप से निपटने के लिए किए गए उपाय इस स्ट्रेन से भी निपटने में कारगर हो सकते हैं। 

संगठन ने कहा है कि ओमीक्रोन को रोकने के लिए कुछ देशों द्वारा सीमा बंद करने के उपाय को अपनाए जाने से समय लग सकता है लेकिन डेल्टा के लिए निर्धारित नियमों का पालन करने से जल्दी राहत मिल सकती है।

डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ ताकेशी कसई ने कहा कि जहां कुछ देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, और कई अन्य देशों में मामले कम आए हैं और मौत में कमी आई है। 

उन्होंने कहा 'इन सबमें अच्छी खबर यह है कि ओमीक्रोन के बारे में हमारे पास कोई भी ऐसी सूचना नहीं है जो बताते हैं कि हमारी प्रतिक्रिया की दिशा बदलने की जरूरत है.'  

नए स्वरूप के बारे में बहुत कुछ अज्ञात है, जिसमें इसके अधिक संक्रामक होने, लोगों को अधिक गंभीर रूप से बीमार बनाने, और टीकों का इसपर असर नहीं होने जैसी आशंकाएं भी शामिल हैं। 

कसई ने कहा कि परिवर्तनों (म्यूटेशन) की संख्या के कारण ओमीक्रोन को चिंता का एक स्वरूप नामित किया गया है और क्योंकि प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि यह वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि अधिक जांचों और अवलोकन की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय आपातकालीन निदेशक डॉ. बाबतंडे ओलोवोकुरे ने कहा कि अब तक पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के चार देशों और क्षेत्रों - ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग, जापान और दक्षिण कोरिया ने ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों की सूचना दी है। 

ओलोवोक्योर ने कहा कि यह संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि विश्व स्तर पर और अधिक मामले खोजे जा रहे हैं। भारत, सिंगापुर और मलेशिया ने भी पिछले 24 घंटों में अपने पहले मामले दर्ज किए हैं। 

उन्होंने कहा, 'देशों को अभी क्या करना चाहिए, इस लिहाज से पिछले कुछ वर्षों में हमारे अनुभव, विशेष रूप से डेल्टा स्वरूप के जवाब में, हमें एक मार्गदर्शन प्रदान करता है कि हमें क्या करने की आवश्यकता है, साथ ही साथ भविष्य में मामले बढ़ने से अधिक टिकाऊ तरीके से कैसे सामना करना है।' 

ओलोवोक्योर ने कहा कि इनमें पूर्ण टीकाकरण कवरेज, सामाजिक दूरी, मास्क पहनना और अन्य उपाय शामिल हैं। फिर स्थानीय संदर्भ के जवाब में उन्हें ठीक किया जा सकता है।  

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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