देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1.35 लाख रह गई है जो संक्रमितों की कुल संख्या का महज 1.25 फीसदी है. देश में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,08,80,603 हो गई है। देश में संक्रमण मुक्त होने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 1,05,89,230 हो गयी है। संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 97.32 प्रतिशत हो गई है।
अब तक 75,05,010 लोगों लगा टीकामंत्रालय ने बताया कि देश में अब तक 75,05,010 लोगों का टीकाकरण हो चुका है जिनमें 58,14,976 लोग स्वास्थ्यकर्मी हैं जबकि 16,90,034 व्यक्ति अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ता हैं। इसने कहा कि भारत सबसे कम समय में 70 लाख टीकाकरण करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
डब्लयूएचओ ने कहा-प्रतिबंधों में ढील न दी जाए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधानोम गेब्रेयसस ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में दुनियाभर में आई कमी प्रोत्साहित करने वाली है, लेकिन कोविड-19 को फैलने से रोकने में मददगार रहे प्रतिबंधों में ढील नहीं दी जानी चाहिए।
गेब्रेयसस ने कहा, 'अभी यह समय नहीं आया है कि कोई भी देश प्रतिबंधों में ढील दे। अब यदि किसी की मौत होती है, तो यह और भी अधिक त्रासदीपूर्ण होगा क्योंकि टीके लगने आरंभ हो गए हैं।'
अगले हफ्ते आएगी चीन की रिपोर्टडब्ल्यूएचओ ने बताया कि दुनिया भर में संक्रमण के 19 लाख नए मामले सामने आए हैं, जबकि इससे पूर्ववर्ती सप्ताह में यह संख्या 32 लाख थी। उन्होंने कहा कि संक्रमण के संभावित स्रोत का पता लगाने के लिए हाल में चीन की यात्रा करने वाला डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ मिशन अपने अध्ययन का सार अगले सप्ताह पेश करेगा।
भारत में दूसरी खुराक मिलनी प्रारंभकोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत अब पहले दिन टीका लगवाने वाले कई लोगों को दूसरा टीका भी लगना शुरू हो गया है. देश भर में 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और पहले दिन देश भर के 81 केन्द्रों में 4,319 (53 प्रतिशत) स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया था जबकि लक्ष्य 8,117 लोगों के टीकाकरण का था।
टीका लगवा चुके लोगों पर होगा सीरोकन्वर्जन का अध्ययन संबलपुर के बुरला स्थित 'वीर सुरेन्द्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च' (वीआईएमएसएआर) के चिकित्सक कोविड-19के टीके के प्रभाव का अध्ययन करेंगे और पता लगाएंगे कि टीकाकरण के बाद इससे एंटीबॉडी बनने में कैसे मदद मिली।
यह अध्ययन 12 महीनों तक चलेगा। इस अध्ययन का मकसद जिन लोगों का टीकाकरण हो चुका है उन पर 'सीरोकन्वर्जन' का पता लगाना है। इससे यह गणना की जाएगी कि सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए कितने लोगों को टीका लगाए जाने की जरूरत है, ताकि हम महामारी को रोकने में सफल रहें।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)