कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में मौत का तांडव लगातार जारी है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से अब तक 2,574,994 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 178,658 लोगों की मौत हो गई है।
कोरोना वायरस का अब तक कई स्थायी इलाज नहीं है। हालांकि वैज्ञानिक दिन-रात एक करके इसका इलाज खोजने में जुटे हैं। कोरोना के बारे में रोजाना नई-नई हैरान करने वाली जानकारियां सामने आ रही है।
कुछ दिनों पहले रिपोर्ट आई थी कि लगभग 80 फीसदी कोरोना के मामलों में लक्षण नहीं नजर आये हैं, जो हैरान करने वाली बात है. अब एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि क्यों कुछ लोगों में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं और कुछ लोगों में क्यों नहीं।
वायरल संक्रमण के खिलाफ मानव शरीर की मुख्य प्रतिरक्षा प्रणालियों में से एक कोरोना वायरस को और अधिक कोशिकाओं को संक्रमित करने में मदद कर सकती है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है जो यह समझने में मदद कर सकता है क्यों कुछ लोग अन्य के मुकाबले कोविड-19 की चपेट में आने के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं।
पत्रिका सेल में प्रकाशित अध्ययन में एकल-कोशिका आरएनए अनुक्रम का इस्तेमाल किया गया है जिसमें यह पहचान की गई है कि किसी एक कोशिका में अनुमानित 20,000 जीन में कितने मौजूद होते हैं और इसमें पाया गया कि मानव श्वसन तंत्र और आंतों की कोशिशों का एक छोटी सी संख्या प्रोटीन बनाती है जो विषाणु को मनुष्य कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है।
अमेरिका में बोस्टन चिल्ड्रेंस अस्पताल के अध्ययन के सह-लेखक जोस ओर्डोवास मोंटानिस ने कहा, ‘हमने लक्षणों के आधार पर और जहां विषाणु का पता चला वहां नाक के छिद्र, फेफड़ों और उदर की परत जैसे ऊतकों की कोशिकाओं का अध्ययन शुरू किया।’
मौजूदा अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह पाया कि कोशिकाओं का एक छोटा-सा हिस्सा या 10 प्रतिशत से कम हिस्सा ही एसीई2 और टीएमपीआरएसएस2 रिसेप्टर बनाते हैं जो वायरस को शरीर में मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करते हैं।