Covid-19 vaccine: हर उम्र के लोगों के लिए असरदार साबित हो रही ऑक्सफोर्ड वैक्सीन, जानिये कब आएगी बाजार में
By उस्मान | Published: October 28, 2020 09:21 AM2020-10-28T09:21:18+5:302020-10-28T09:21:18+5:30
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ऑक्सफोर्ड की कोविड वैक्सीन को लेकर यह खुशखबरी दी है
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर एक खुशखबरी दी है। उन्होंने बताया है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन हाई रिस्क वाले बुजुर्गों और वयस्कों में काफी प्रभावी साबित हुई है और उनमें एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई है।
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूनावाला ने ब्लूमबर्ग को बताया कि बहुत से लोग सोच रहे थे और सवाल पूछ रहे थे, क्या ये शुरुआती टीके बुजुर्गों और सबसे कमजोर लोगों के लिए प्रभावी होंगे? यहां एक एक अच्छी खबर है कि टीका सभी के लिए प्रभावी है।
ब्रिटिश दवा निर्माता एस्ट्राज़ेनेका ने कहा कि यह टीका युवा और बुजुर्गों दोनों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा करता है, जिससे कोरोना वायरस के विनाश से बाहर निकलने की उम्मीद बढ़ गई है।
एक अन्य स्वतंत्र अध्ययन में भी दावा किया गया है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 टीके का तीसरे चरण का परीक्षण जारी है और यह 'प्रत्येक अपेक्षित' मानदंड पर खरा उतर रहा है जो घातक कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक अच्छी खबर है।
इस टीके का विकास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ब्रिटेन की दवा कंपनी 'एस्ट्राजेनेका' के साथ मिलकर कर रही है। ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी ने टीके की सटीकता के बारे में जानने के लिए हाल में विकसित तकनीकों का इस्तेमाल किया।
विशेषज्ञों ने कहा कि नया विश्लेषण इस बारे में अधिक स्पष्टता उपलब्ध कराता है कि टीका किस तरह सफलतापूर्वक एक मजबूत प्रतिरक्षा अनुक्रिया उत्पन्न करता है।
अध्ययन में कहा गया है कि टीका 'प्रत्येक अपेक्षित' मानदंड पर खरा उतर रहा है जो घातक कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक अच्छी खबर है।
कोरोना का इलाज खोजने में सबसे आगे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर कोरोना वायरस के इलाज की वैक्सीन बनाई है। शोधकर्ताओं ने इसे प्रारंभिक चरण के नैदानिक परीक्षणों में सुरक्षित पाया है। हाल ही में द लैंसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित परिणामों के अनुसार, AZD1222 वैक्सीन, ChAdOx1 नामक एक चिम्पांजी एडेनोवायरस पर आधारित है, जो कि एंटीबॉडी और टी-सेल इम्यून रेस्पोंस है।
ऑक्सफोर्ड की यह वैक्सीन कोरोना के इलाज में सबसे आगे है और इसका पहले से ही यूके, ब्राजील और साउथ अफ्रीका में फेज II/III ट्रायल चल रहा है। अगर यह वैक्सीन मानव परीक्षणों में सफल होती है, तो कोरोना वायरस का इलाज संभव हो सकता है। एस्ट्राज़ेनेका ने अमेरिका के लिए 400 मिलियन और यूके के लिए 100 मिलियन का उत्पादन करने के लिए सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम गणना के अनुसार, दो दर्जन से अधिक प्रायोगिक टीकों का मनुष्यों में परीक्षण किया जा रहा है और 160 से अधिक विकास के पहले चरणों में हैं।
ऑक्सफोर्ड की ChAdOx1 कोविड-19 वैक्सीन क्या है?
ऑक्सफोर्ड की AZD1222 वैक्सीन आनुवंशिक रूप से engineered वायरस से बनी है, जो चिंपैंजी में कॉमन फ्लू का कारण बनता है। हालाँकि, वायरस को संशोधित किया गया है ताकि यह लोगों में संक्रमण का कारण न बने और कोरोना वायरस की नकल भी कर सके।
कैसे काम करती है ChAdOx1 वैक्सीन
वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के 'स्पाइक प्रोटीन' के आनुवंशिक निर्देशों को स्थानांतरित करके ऐसा किया। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि वैक्सीन कोरोना वायरस से मिलता जुलता हो और प्रतिरक्षा प्रणाली इस पर हमला करना सीख सके।