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COVID vaccine: क्या महिलाओं को कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स ज्यादा हैं, क्या उन्हें ब्लड क्लॉट का खतरा है ?

By उस्मान | Updated: June 7, 2021 11:02 IST

क्या टीका लगवाने से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है? जानिये इस बात में कितनी सच्चाई है

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ठळक मुद्देटीका लगवाने के बाद महसूस हो रहे हैं कुछ लक्षणमहिलाओं में दिखने वाले लक्षण अलगपीरियड्स के दिनों टीका लगवाना कितना सेफ

कोरोना वायरस का प्रभाव थोड़ा कम हुआ है लेकिन यह बीमारी अभी खत्म नहीं हुई है। कोरोना के खिलाफ टीकाकरण जारी है और कोरोना वायरस का टीका लगवाने के बाद कई साइड इफेक्ट्स भी सामने आ रहे हैं। चलिए जानते हैं कि महिलाओं में पुरुषों की तुलने में लक्षण कैसे अलग हो सकते हैं। 

क्या टीका लगवाने से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है? ऐसा माना जा रहा है कि टीका लगवाने से महिला की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है। हालांकि इस बात का कोई वास्तविक डेटा नहीं है कि एक वैक्सीन से किसी की प्रजनन प्रणाली पर असर पड़ सकता है। 

क्या पीरियड्स के दौरान टीका लगवाया जा सकता है ? टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक ऐसा जरूरी सवाल है जिसका जवाब सभी महिलाएं जानना चाहती हैं। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं में पीरियड्स के दिनों कम प्रतिरक्षा होती है और इस प्रकार टीका अप्रभावी हो सकती है। हालांकि इस मामले में कोई वैज्ञानिक सच्चाई नहीं है। 

इस बात को साबित करने के लिए कोई नैदानिक या जैविक सबूत नहीं है। पीरियड्स कई कारकों से प्रभावित हो सकती हैं, जिसमें कोई तनाव या स्वास्थ्य परिवर्तन भी शामिल है। 

क्या महिलाओं में टीके के दुष्प्रभाव अधिक गंभीर हैं?कई केस स्टडी से स्पष्ट है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने में टीके कई अधिक दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि टीका लगवाने के बाद दुष्प्रभाव कैसे होते हैं, यह हार्मोनल प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करता है। 

प्रत्येक व्यक्ति की प्रतिरक्षा अलग तरह से प्रतिक्रिया करती है, और ऐसा हो सकता है कि किसी के लिए दुष्प्रभाव दूसरे की तुलना में अधिक गंभीर हो सकते हैं, ठीक उसी तरह जैसे दर्द के प्रति संवेदनशीलता। यह भी संभव हो सकता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को दुष्प्रभावों की 'रिपोर्ट' करने की अधिक संभावना है।

क्या महिलाओं को टीका लगवाने के बाद रक्त के थक्के बन सकते हैं?कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने के बाद खून के थक्के बनना के कई मामले देखे गए हैं। यह एक गंभीर समस्या भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनमें से ज्यादातर उन महिलाएं शामिल थीं जिन्हें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका या जॉनसन एंड जॉनसन का टीका लगाया गया था।

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