दवा कंपनी अरविंदो फार्मा ने उम्मीद जताई है कि वह कोविड-19 की अपनी प्रस्तावित वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण का परीक्षण 2020 के अंत तक करेगी, जबकि तीसरा चरण अगले साल मार्च-अप्रैल के दौरान किया जा सकता है।
अरविंदो फार्मा के प्रबंध निदेशक नारायणन गोविंदराजन ने विश्लेषकों के साथ हाल में आयोजित एक वार्ता के दौरान कहा कि कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 15-20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वैक्सीन का विकास अमेरिका स्थित प्रोफैक्टस बायोसाइंसेज द्वारा किया जा रहा है, जिसे अरविंदो फार्मा की सहायक कंपनी ऑरो वैक्सीन एलएलसी ने अधिग्रहित किया था।
पहला चरण अक्टूबर गोविंदराजन के अनुसार भारत में कंपनी की वायरल वैक्सीन विनिर्माण क्षमता को दो चरणों तैयार किया जाएगा। पहला चरण अक्टूबर तक और व्यावसायिक संयंत्र अगले साल मार्च तक तैयार हो जाएगा।
साल के अंत तक होगा दूसरा चरणउन्होंने कहा, 'वे (ऑरो वैक्सीन) पहले ही एक कोविड-19 वैक्सीन का विकास कर रहे हैं और साथ ही हम भारत में विनिर्माण क्षमता तैयार कर रहे हैं, जिसके दो चरण होंगे।'
उन्होंने कहा कि क्षमता का पहला चरण अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा, जहां हम उत्पाद तैयार करेंगे और साल के अंत तक पहले तथा दूसरे चरण के परीक्षण शुरू करेंगे।
इधर भारत की पहली देसी वैक्सीन का पहले चरण का ह्यूमन ट्रायल पूरा हो गया है और इसके रिजल्ट भी जारी होने वाले हैं। इसे बनाने वाली भारत बायोटेक ने दूसरे चरण के ट्रायल की घोषणा की है।
देश में कोरोना के मरीजों की संख्या 24 लाख के पार
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के शुक्रवार को 64,553 नए मामले सामने आने के बाद देश में इस वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 24 लाख के पार चली गई जबकि इनमें से 17 लाख से अधिक लोग स्वस्थ हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 17,51,555 लोग संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और लोगों के ठीक होने की दर सुधर कर 71.17 प्रतिशत हो गई है।
देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 24,61,190 हो गई है और पिछले 24 घंटे में 1,007 और लोगों की मौत हो जाने के कारण मृतक संख्या बढ़कर 48,040 हो गई है। मृत्युदर गिरकर 1.95 प्रतिशत रह गई है। देश में इस समय 6.60 लाख संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है। यह संख्या कुल मामलों का 26.88 प्रतिशत है।
भारत में सात अगस्त को संक्रमित लोगों की कुल संख्या 20 लाख के आंकड़े को पार कर गई थी। आईसीएमआर के अनुसार, देश में 2.76 करोड़ से अधिक नमूनों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से बृहस्पतिवार को एक दिन में सर्वाधिक 8,48,728 नमूनों की जांच की गई।