भारत में एक दिन में कोविड-19 के 22,890 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 99.79 लाख के पार पहुंच गए, जिनमें से 95 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 338 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,44,789 हो गई। वहीं देश में अभी तक कोविड-19 के कुल 99,79,447 मामले सामने आ चुके हैं।
आंकड़ों के अनुसार 95,20,827 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 95.40 प्रतिशत हो गई। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है।
देश में लगातार 12 दिनों से उपचाराधीन लोगों की संख्या चार लाख से कम है। अभी 3,13,831 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 3.14 प्रतिशत है।
भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी। वहीं, कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार चले गए थे।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में अभी तक 15,89,18,646 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई, जिनमें से 11,13,406 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई।
भारत में जनवरी में शुरू हो सकता है टीकाकरण भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण जनवरी में शुरू हो सकता है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि कुछ वैक्सीन क अगले कुछ हफ्तों में दवा नियामक से आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिल सकती है।
आपको बता दें कि दो कंपनियों ने पहले ही आपातकालीन इस्तेमाल किये आवेदन किया हुआ है। देश में आठ वैक्सीन का परीक्षण विभिन्न चरणों में हैं। अधिकारियों ने कहा कि इन आठ में से चार टीके स्वदेशी रूप से विकसित किए जा रहे हैं।
कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना है। सबसे पहले टीका हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और बुजुर्गों को लगाया जाएगा। टीका लगवाने के लिए आवेदक को सबसे पहले मोबाइल ऐप को-विन पर रजिस्टर करना होगा।
ZyCov-Di को अहमदाबाद स्थित Zydus-Cadila द्वारा विकसित किया जा रहा है। MIT के सहयोग से पहली भारतीय निजी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई द्वारा वैक्सीन विकसित की जा रही है।
HGCO19 भारत की पहली एमआरएनए वैक्सीन है जिसे पुणे स्थित जेनोवा द्वारा सिएटल स्थित एचडीटी बायोटेक कॉर्पोरेशन के सहयोग से बनाया जा रहा है।
भारत बायोटेक द्वारा एक नेजल वैक्सीन भी बनाई जा रही है। डॉ रेड्डीज लैब और गैमलेया नेशनल सेंटर द्वारा विकसित स्पुतनिक वी वैक्सीन बना रहे हैं। दूसरा टीका सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और अमेरिकी वैक्सीन विकास कंपनी नोवावैक्स द्वारा विकसित किया जा रहा है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)