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COVID-19 treatment: वैक्सीन के बाद अब आएंगी 'एंटीवायरल पिल्स', जानें कोरोना के लक्षणों के खिलाफ कितनी असरदार होंगी

By उस्मान | Updated: August 4, 2021 09:25 IST

बताया जा रहा है कि एंटीवायरल पिल्स से कोरोना के लक्षणों को गंभीर होने से बचाने में मदद मिल सकती है

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ठळक मुद्देएंटीवायरल पिल्स से कोरोना के लक्षणों को गंभीर होने से बचा सकती है कई जगहों पर ट्रायल हो गया है शुरू इसी साल बाजार में आ सकती है दवा

कोरोना वायरस संकट के बीच टीके लगवाना और दिशा-निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी हो गया है। इससे काफी हद तक कोरोना से बचाव में मदद मिलती है। यह देखा गया है कि टीकों ने रोगियों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को भी कम कर दिया है। बेशक कोरोना का कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन वैज्ञानिक और चिकित्सा पेशेवर महामारी को रोकने के लिए विभिन्न तरीके आजमा रहे हैं। 

हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रमुख फार्मा दिग्गज एंटीवायरल ओरल पिल्स का उत्पादन कर रही हैं। बताया जा रहा है कि इनसे कोरोना के लक्षणों और जोखिमों को कम करने में मदद कर मिल सकती है। चलिए जानते हैं कि एंटीवायरल गोलियां कोरोना के खिलाफ कितनी असरदार हो सकती हैं और यह कब उपलब्ध होंगी।

एंटीवायरल पिल्स क्या है?

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी अन्य एंटीवायरल दवा की तरह, कोरोना की गोली भी वायरस को रोकने और बढ़ने की क्षमता को बेअसर करने की दिशा में काम करेगी। जबकि टीके शरीर में वायरल प्रवेश को रोकते हैं, एंटीवायरल गोलियां इन वायरस को संक्रमण के बाद कहर बरपाने ​​से रोकती हैं।

रिपोर्टों के अनुसार, कोविड पिल्स एक एंटीवायरल दवा है, जो उन लोगों द्वारा ली जा सकती है जो कोरोना पॉजिटिव हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इससे लोगों को घर पर अपने लक्षणों का प्रबंधन करने और लक्षणों को और भी खराब होने से रोकने में मदद मिल सकती है। एंटीवायरल दवा कुछ दिनों में वायरस को बेअसर करने में भी मदद करेगी, खासकर अगर लक्षण हल्के हों।

कोरोना टीके से कैसे अलग हैं कोरोना गोली

कोरोना के टीके वायरस के खिलाफ सर्वोत्तम संभव सुरक्षा प्रदान करते हैं जबकि एंटीवायरल दवा कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकती है। वर्तमान में, फाइजर, मर्क, और जापानी-आधारित कंपनी शियोनोगी कोरोना गोली विकसित कर रहे हैं।

कोरोना गोली कब आ सकती है?

अमेरिकी रसायन कंपनी मर्क को पहले ही ओरल एंटीवायरल दवा मोलनुपिरवीर के लिए एफडीए की मंजूरी मिल चुकी है और पहले ही संयुक्त राज्य अमेरिका में एक सौदा कर चुकी है, फाइजर की प्रयोगात्मक दवाएं अभी भी ट्रायल में चल रही हैं।

हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे इसी साल बाजार में उतारा जा सकता है। जापान की फार्मा कंपनी ने भी हाल ही में वन-ए-डे पिल पर अपना क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है, लेकिन यह अभी शुरुआती दौर में है।

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियामेडिकल ट्रीटमेंट
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