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Covid-19 treatment: 'रेमडेसिवीर' को कोरोना के इलाज के लिए मिली मंजूरी, जानिये कितनी असरदार है यह एंटीवायरल दवा

By उस्मान | Updated: October 23, 2020 09:13 IST

कोरोना वायरस का इलाज : यह वही दवा है, जो डोनाल्ड ट्रंप के इलाज के लिए दी गई थी

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ठळक मुद्देअमेरिका में कोरोना वायरस के उपचार के लिए पहली दवा को मंजूरी दे दी गई एंटीवायरल ड्रग वैक्लेरी का इस्तेमाल करने की इजाजत सिर्फ अस्पतालों को दी गयी 40 किलोग्राम वजन तक के मरीजों पर किया जा सकेगा इस्तेमाल

कोरोना वायरस का प्रभाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में अब तक 41,992,013 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 1,142,731 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच अमेरिका में कोरोना वायरस के उपचार के लिए पहली दवा को मंजूरी दे दी गई है। 

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर को 12 साल और उससे अधिक उम्र के वयस्क और बाल रोगियों में इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी दे दी है। यह वही दवा है, जो डोनाल्ड ट्रंप के इलाज के लिए दी गई थी।   

कोरोना अस्पतालों में होगा इस्तेमाल

एंटीवायरल ड्रग वैक्लेरी का इस्तेमाल करने की इजाजत सिर्फ उन अस्पतालों को दी गयी है, जहां पर कोरोना का इलाज किया जाता है। जहां मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हो।

40 किलोग्राम वजन वाले मरीजों को दी जायेगी दवा

इसका इस्तेमाल अस्पताल में भर्ती होने का बाद लिए कम से कम 40 किलोग्राम वजन तक के मरीजों पर किया जा सकेगा।

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ इस्तेमाल न करने के सलाह

यह दवा एक पदार्थ को रोकती है जो वायरस का उपयोग खुद की प्रतियां बनाने के लिए करता है। इस पर मरीजों को शुरू करने से पहले कुछ परीक्षणों की आवश्यकता होती है। इस दवा का मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ उपयोग नहीं करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे इसकी प्रभावशीलता कम हो सकती है। 

एफडीए के कमिश्नर स्टीफन एम हैन ने कहा कि इसके पीछे बहुत मेहनत करनी पड़ी है। हमने बड़े पैमाने पर परीक्षण किये। एफडीए कोरोना वायरस ट्रीटमेंट एक्सीलेरेशन प्रोग्राम के तहत वैज्ञानिकों ने इसका टेस्ट जारी रखा। वैक्लुरी रेमेडिसिवर का इस्तेमाल को तब मंजूरी मिली जहब लगातार इसके इस्तेमाल से संबंधित आंकड़े जमा किये गये। साथ ही अस्पताल में कोरोना संक्रमण से भर्ती मरीजो के ठीक करने में इससे सफलता मिली।

कोरोना के इलाज में कितनी कारगर है रेमडेसिविर

कोरोना के मरीजों को रेमेडिसीवर, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल जैसी दवाएं दी जा रही हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि एंटीवायरस दवा  'रेमेडिसीवर' सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित लंगूरों में वायरस की मात्रा कम करता है और उन्हें फेफड़ों का रोग नहीं होने देता। 

पशुओं में सार्स-सीओवी को रोकने में प्रभावी

दवा जर्नल 'नेचर' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस के मरीजों को शुरू में ही यह दवा देने से उन्हें निमोनिया नहीं होता। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि रेमेडिसीवर का दायरा काफी व्यापक है और यह पशुओं में सार्स-सीओवी और मेर्स-सीओवी में संक्रमण को रोकने में काफी प्रभावी साबित हुई है।

निमोनिया नहीं होने देती रेमडेसिविर

जर्नल 'नेचर' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस के मरीजों को शुरू में ही यह दवा देने से उन्हें निमोनिया नहीं होता। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि रेमेडिसीवर का दायरा काफी व्यापक है और यह पशुओं में सार्स-सीओवी और मेर्स-सीओवी में संक्रमण को रोकने में काफी प्रभावी साबित हुई है।

फेफड़ों को नुकसान से बचने में सहायक

उन्होंने बताया कि दवा का परीक्षण कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में किया जा रहा है। अनुसंधानकर्ता एमी डी विट और उनके सहयोगियों ने रेमेडिसीवर के प्रभाव का बंदरों की पुरानी प्रजाति पर अध्ययन किया और पाया कि जिन लंगूरों को यह दवा दी गई उनमें सांस संबंधी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए और उनके फेफड़ों को भी कम क्षति पहुंची है।

मरीजों में पांच दिन में लक्षणों में सुधार देखा गया

रेमेडीसिविर एक एंटीवायरल दवा है जिसका इस्तेमाल वायरल संबंधी रोगों में किया जाता है। अमेरिका के कैलिफोर्निया की एक बायोटेक कंपनी का कहना है कि इसकी प्रायोगिक दवा रेमेडीसिविर को कोविड-19 से मामूली रूप से बीमार, अस्पताल में भर्ती मरीजों को पांच दिन तक देने पर लक्षणों में सुधार देखा गया है।  

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